श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड का हिस्सा, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने जारी किए आदेश

विद्युत पारेषण निगम (पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड) की ओर से निर्मित 400 केवी डबल सर्किट श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड का हिस्सा घोषित कर दी गई है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने इसके आदेश जारी कर पारेषण टैरिफ की वसूली उत्तरी क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं से करने को कहा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 02:51 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 02:51 PM (IST)
श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड का हिस्सा, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने जारी किए आदेश
श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड का हिस्सा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। विद्युत पारेषण निगम (पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड) की ओर से निर्मित 400 केवी डबल सर्किट श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड का हिस्सा घोषित कर दी गई है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने इसके आदेश जारी कर पारेषण टैरिफ की वसूली उत्तरी क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं से करने को कहा है।

उक्त पारेषण लाइन वर्ष 2016 में ऊर्जीकृत की जा चुकी है। पारेषण लाइन निर्माण की कुल लागत 38.87 करोड़ रुपये है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने अपने 20 अप्रैल 2018 के आदेश में उपरोक्त पारेषण लाइन का अंतरिम टैरिफ वर्ष 201-17 से वर्ष 2018-19 तक कुल रुपये 14.26 करोड़ निर्धारित किया था। साथ ही आयोग ने यह आदेश दिया था कि पिटकुल की ओर से उपरोक्त पारेषण लाइन का निर्माण अलकनंदा विद्युत परियोजना से राज्य को प्राप्त होने वाली विद्युत के लिए किया गया, जब तक उपरोक्त पारेषण लाइन अंतरराज्यीय ग्रिड से नहीं जुड़ती, तब तक यूपीसीएल ट्रांसमिशन टैरिफ का भुगतान पिटकुल को करेगा।

इसके बाद यूपीसीएल और पिटकुल ने आयोग के समक्ष विभिन्न तथ्य प्रस्तुत किए, जिसके बाद आयोग ने बीते 13 जून को उपरोक्त पारेषण लाइन का अंतिम टैरिफ निर्धारण किया। लाइन से वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक कुल रुपये 18.91 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। आयोग ने ट्रांसमिशन लाइन को अंतरराज्यीय ग्रिड का भाग माना है और ट्रांसमिशन टैरिफ की वसूली अंतरराज्यीय पारेषण प्रभार के तहत होना सुनिश्चित किया है।

अब पारेषण लाइन के ट्रांसमिशन टैरिफ की वसूली सीधा यूपीसीएल से न होकर अब उत्तर क्षेत्र के समस्त उपयोगकर्ताओं से होगी, जिसका सीधा सीधा लाभ उत्तराखंड व पिटकुल को होगा। साथ ही प्रदेश के उपभोक्ताओं पर विद्युत भार भी कम होगा। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्बिटे्रशन वाद में विदेशी कंपनी मैसर्स कोबरा के खिलाफ आदेश पारित कर तीन साल पुराने प्रकरण का निस्तारण हुआ है। इससे पिटकुल को बड़ी सफलता हाथ लगी है। 

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