श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एक्ट में करना होगा संशोधन, पढ़िए पूरी खबर

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के एक्ट में भी अब संशोधन करने की नौबत आएगी। सरकार ने गढ़वाल मंडल के सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों को विश्वविद्यालय से संबद्धता लेने की शर्त रख तो दी लेकिन एक्ट में संशोधन के बगैर अनुदान का मसला सुलझने के आसार नहीं है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 03:22 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 03:22 PM (IST)
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एक्ट में करना होगा संशोधन, पढ़िए पूरी खबर
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के एक्ट में भी अब संशोधन करने की नौबत आएगी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के एक्ट में भी अब संशोधन करने की नौबत आएगी। सरकार ने गढ़वाल मंडल के सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों को विश्वविद्यालय से संबद्धता लेने की शर्त रख तो दी, लेकिन एक्ट में संशोधन के बगैर अनुदान का मसला सुलझने के आसार नहीं है। विश्वविद्यालय एक्ट में इन कालेजों के अनुदान को लेकर प्रविधान नहीं है।

प्रदेश सरकार ने सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों को दो राह पर चलने की अब तक मिली सुविधा खत्म करने का फैसला कर लिया है। मंत्रिमंडल ने बीते रोज इस बारे में अहम फैसला लेते हुए कालेजों को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्धता लेने को कहा है। अन्यथा कालेजों के अनुदान को बंद किया जाएगा। इस फैसले के माध्यम से सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अशासकीय डिग्री कॉलेजों को अनुदान पाना है तो सरकार के नियंत्रण को स्वीकार करना ही पड़ेगा। 

अशासकीय कालेज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। इस वजह से राज्य सरकार के आदेश मानने से कालेज कन्नी काटते रहे हैं। खासतौर पर नियुक्तियों को लेकर कालेजों और सरकार के बीच खींचतान चलती रही है। कालेजों में नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरते जाने की शिकायत सरकार को रही है। हालांकि बीते दिसंबर माह में विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ये स्पष्ट कर चुकी है कि सहायताप्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों और विद्यालयों का अनुदान खत्म नहीं किया जा रहा है। विपक्ष के सवालों के जवाब में ही सरकार ने यह भी बताया था कि कालेजों को केंद्रीय विश्वविद्यालय की संबद्धता छोड़कर राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता लेने को कहा गया है। अब सरकार इस बारे में निर्णय ले चुकी है। 

सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए लाए जा रहे अंब्रेला एक्ट से संबंधित राज्य विश्वविद्यालय विधेयक में उक्त कालेजों के अनुदान के संबंध में प्रविधान नहीं रखा गया है। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एक्ट में भी संबंधित प्रविधान नहीं है। ये कालेज श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्धता लेते हैं तो विश्वविद्यालय विधेयक में अनुदान को लेकर प्रविधान करना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड में खत्म होगी प्रवक्ता और सहायक अध्यापक कला में बीएड की अनिवार्यता, पढ़िए पूरी खबर

chat bot
आपका साथी