यहां धावकों को नंगे पैर देख मंत्री ने दिए जूते देने के निर्देश, 15 सौ मीटर स्पर्धा में चार खिलाड़ी दौड़ीं बिना जूतों के

एक धावक के लिए उसके जूते हथियार के समान होते हैं। एस्ट्रोटर्फ मैदान पर दौडऩे के लिए स्पाइक शूज मददगार होते हैं लेकिन राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में हिस्सा लेने आईं कुछ बालिकाएं नंगे पैर ही दौड़ लगा रही थीं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 01:04 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 01:04 PM (IST)
यहां धावकों को नंगे पैर देख मंत्री ने दिए जूते देने के निर्देश, 15 सौ मीटर स्पर्धा में चार खिलाड़ी दौड़ीं बिना जूतों के
यहां धावकों को नंगे पैर देख मंत्री ने दिए जूते देने के निर्देश।

जागरण संवाददाता, देहरादून। एक धावक के लिए उसके जूते हथियार के समान होते हैं। एस्ट्रोटर्फ मैदान पर दौडऩे के लिए स्पाइक शूज मददगार होते हैं, लेकिन राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में हिस्सा लेने आईं कुछ बालिकाएं नंगे पैर ही दौड़ लगा रही थीं। इसे देख खेल मंत्री अरविंद पांडे भौचक रह गए। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को बुलाकर बालिकाओं को जूते उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज के एथलेटिक्स एस्ट्रोटर्फ मैदान पर राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का उद्घाटन करने के लिए मुख्य अतिथि खेल मंत्री अरविंद पांडे पहुंचे थे। बालिका वर्ग की 1500 मीटर दौड़ के धावकों को परिचय प्राप्त करते समय खेल मंत्री अरविंद पांडे की नजर उनके नंगे पैरों पर गई। ये देखते ही मंत्री ने खिलाडिय़ों से पूछा, 'बच्चों आपके पास जूते नहीं हैं।'

इस पर बच्चों ने जवाब दिया कि जूते प्रतियोगिता की शुरुआत में मिले हैं, लेकिन उन्हें जूते पहनकर दौड़ने का अभ्यास नहीं है। इस पर उन्होंने तत्काल युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर खिलाड़ियों को जूते उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। युवा कल्याण विभाग के उप निदेशक अजय अग्रवाल ने बताया कि बालिका वर्ग में चार खिलाड़ी नंगे पैर दौड़ रही थीं। सभी के के पैर के माप लेकर उनके लिए जूते ऑर्डर कर दिए हैं। उन्हें जल्द जूते मिल जाएंगे।। 

20 सूत्री कार्यक्रम की योजनाओं की प्रगति पर चर्चा

बीस सूत्री कार्यक्रम की कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं में की गई प्रगति पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के उपाध्यक्ष शेर सिंह गढ़िया ने अपेक्षित प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में उपाध्यक्ष गढ़िया ने कहा कि 23 योजनाओं में से 18 में प्रगति की श्रेणी ए है। चार योजनाओं में श्रेणी बी व एक में सी मिली है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि किसी भी योजना में डी श्रेणी प्राप्त नहीं हुई है। बीस सूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि किस तरह योजनाओं की प्रगति बढ़ाई जा सकती है। ताकि सभी योजनाओं का लाभ उचित ढंग से जनता को मिल सके। इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ. मनोज कुमार पंत, उप निदेशक गीतांजली शर्मा आदि उपस्थित रहे। 

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