मसूरी में किंग क्रेग में बन रही बहुमंजिला पार्किंग का कुछ हिस्‍सा गिरा

मसूरी के किंग क्रेग में बन रही बहुमंजिला पार्किंग का कुछ हिस्‍सा गिर गई। इसमें कोई जन हानि नहीं हुई है। बता दें कि बीती रात करीब एक बजे लिंटर डाला गया था। आज तड़के चार बजे लिंटर गिर गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 09:57 AM (IST)
मसूरी में किंग क्रेग में बन रही बहुमंजिला पार्किंग का कुछ हिस्‍सा गिरा
मसूरी में किंग क्रेग में बन रही बहुमंजिला पार्किंग का कुछ हिस्‍सा गिरा।

जागरण संवाददाता, देहरादून/मसूरी। किंक्रेग में मल्टीस्टोरी कर पार्किंग का निर्माण पिछले छह साल से अधर में लटका है और अब इसकी गुणवत्ता की पोल भी खुलती दिख रही है। वर्ष 2017-18 में पार्किंग का जो क्रॉस बीम पड़ा था, वह शनिवार तड़के चार बजे भरभराकर सड़क पर आ गिरा। इसके साथ पूरा लिंटर भी गिर गया। गनीमत रही कि उस समय कोई वाहन इसकी चपेट में नहीं आया। बीम व लिंटर के मलबे से आठ घंटे तक मार्ग बाधित रहा। प्रशासन ने वाहनों को बड़ा मोड़-वाइनबर्ग एलन स्कूल-बालरेगंज-झड़ीपानी-चूनाखाल होते हुए आगे भेजा।

मल्टीस्टोरी पार्किंग की कार्यदायी संस्थान प्रांतीय खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल के मुताबिक, जो बीम व लिंटर गिरा वह पार्किंग की दूसरी मंजिल व तीसरी मंजिल से जोड़ने वाला था। यहां पर वर्ष 2017-18 में क्रॉस बीम पड़ा था। इसी बीच के ज्वाइंट अचानक खुल गए और लिंटर समेत बीम नीचे जा गिरा।बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम करीब छह बजे से रात करीब एक बजे तक यहां पर आरसीसी लिंटर डाला गया था। लिंटर मोटे गर्डर (क्रॉस बीम) के ऊपर डाला गया था, लोहे के क्रॉस बीम को नट से कसा गया था, लेकिन यह लिंटर का भार नहीं सहन कर पाया और इसके ज्वाइंट पूरी तरह फेल हो गए। अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। क्रॉस बीम में प्रयुक्त लोहे की क्षमता का भी आकलन कराया जाएगा।

गुणवत्ता व सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल

2012 कारों की पार्किंग परियोजना का काम वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। इसका जिम्मा फरीदाबाद की ऋचा इंडस्ट्रीज को दिया गया था। वर्ष 2017 तक काम पूरा किया जाना था, मगर शुरुआत में डिजाइन की खामी के चलते काम अधर में लटका रहा। आइआइटी रुड़की के माध्यम से डिजाइन में संशोधन किया गया, मगर काम की गति हमेशा सुस्त बनी रही। अभी तक भी 80 फीसद के करीब ही काम पूरा हो पाया है। सवाल यह है कि जब पार्किंग के बीम लिंटर का बोझ सहन नहीं कर पा रहे हैं तो इतनी बड़ी संख्या में कारों का बोझ कैसे सहन कर पाएंगे।

 

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