लापरवाही से बर्बाद हो रहा सोलर लाइट पर लगा रुपया
विकासनगर ग्रामीण क्षेत्रों में पथ प्रकाश की सुविधा के लिए लगी सोलर लाइट ग्राम विकास की योजनाओं को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: ग्रामीण क्षेत्रों में पथ प्रकाश की सुविधा के लिए लगी सोलर लाइट ग्राम विकास के उद्देश्यों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही हैं। लगने के एक साल के भीतर खराब हो जाने वाली सोलर लाइटों की मरम्मत नहीं होने के कारण इस पर लगा रुपया बर्बाद हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो लाइट लगाने वाले ठेकेदारों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण इस प्रकार की स्थिति पैदा हो रही है।
ग्राम पंचायतों में पथ प्रकाश की सुविधा के लिए बड़ी संख्या में सोलर लाइट का उपयोग किया जा रहा है। गांव के प्रत्येक गली-मोहल्ले और मुख्य चौराहे पर सोलर लाइट लगाकर ग्रामीणों को रात के समय प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास प्रत्येक ग्राम पंचायत में किया गया। मरम्मत के अभाव में यह प्रयास निरर्थक साबित हो रहा है। बताते चलें सोलर लाइट लगाने के बाद एक साल के भीतर वह खराब हो जाती हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर लाइट लगने के कुछ दिन बाद ही तकनीकी कमी आने के कारण भी समस्या सामने आती है। सोलर लाइट की खराबी को ठीक नहीं किए जाने के चलते ज्यादातर खराब ही पड़ी रहती हैं। सोलर लाइट में आने वाली किसी भी कमी को ठीक कराने की जिम्मेदारी लाइट लगाने वाले ठेकेदार की होती है, लेकिन इसके बावजूद ठीक नहीं कराया जाता है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को तो भुगतना पड़ता ही है साथ ही इस प्रकार की स्थिति से सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा है।
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सोलर लाइट को एक साल तक बदलने और उसमें आने वाली सभी प्रकार की कमियों के लिए ठेकेदारों की पूरी जवाबदेही है, लेकिन आमतौर पर देखा यह जाता है कि ठेकेदार लाइटों की मरम्मत के काम में लापरवाही करते हैं। ठेकेदारों की इस लापरवाही पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी सजग रहना चाहिए।
जसविदर सिंह, ब्लाक प्रमुख, विकासनगर