प्राथमिक विद्यालयों से जुड़ेंगे सामाजिक कार्यकर्त्ता, इस तरह बच्‍चों को दिया जाएगा व्यवहारिक ज्ञान

प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत इस योजना को अंजाम दिया जाएगा। विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण के निर्माण और छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम के साथ व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर नई नीति में जोर दिया गया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:20 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:20 AM (IST)
प्राथमिक विद्यालयों से जुड़ेंगे सामाजिक कार्यकर्त्ता, इस तरह बच्‍चों को दिया जाएगा व्यवहारिक ज्ञान
प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत इस योजना को अंजाम दिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्य में प्राथमिक विद्यालयों और स्थानीय समुदायों में जुड़ाव बढ़ेगा। प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्त्ता इस काम में महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका में होंगे। साथ ही बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए स्थानीय व्यवसाय के विशेषज्ञ और कला-संस्कृति से जुड़े व्यक्तियों को भी विद्यालयों में आमंत्रित किया जाएगा।

प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत इस योजना को अंजाम दिया जाएगा। विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण के निर्माण और छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम के साथ व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर नई नीति में जोर दिया गया है। विद्यार्थियों के बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की समस्या से निपटने को भी स्थानीय समाज की सहभागिता को जरूरी माना जा रहा है। सामाजिक न्याय व बाल विकास विभाग की ओर से प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्त्ताओं को विद्यालयों से जोड़ने को विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी।

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कला-संस्कृति विशेषज्ञ देंगे व्याख्यान

विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से प्रशिक्षित कार्यकर्त्ता स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करेंगे। स्थानीय व्यवसाय के विशेषज्ञों की मदद छात्र-छात्राओं में उद्यमिता के विकास में ली जाएगी। स्थानीय कला, संस्कृति एवं भाषा के विशेषज्ञों को बतौर अतिथि विद्यालयों में बुलाया जाएगा। बतौर अतिथि उनके व्याख्यान छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी साबित होंगे। प्रयोगात्मक कार्यों में भी उनका लाभ लिया जाएगा। अभिभावक शिक्षक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति, दोनों को मजबूत करने की पैरवी नई नीति में की गई है।

पीटीए और एसएमसी को करेंगे मजबूत: अरविंद पांडेय

दोनों ही समितियां विद्यालयों को पेश आने वाली समस्या और चुनौती पर विचार करने के साथ इनके समाधान की राह तैयार करेंगी। बकौल शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय अभिभावक शिक्षक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति को सशक्त बनाया जाएगा। इनकी बैठकें नियमित होंगी। इनके प्रस्ताव के आधार पर सरकार और शिक्षा विभाग फैसला लेंगे।

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