एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार पड़ेगा मंहगा

लोकसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार महंगा पड़ेगा। निर्वाचन आयोग एसएमएस और सोशल मीडिया पोस्ट को भी चुनाव खर्च के तौर पर जोड़ेगा और लेख टीम इसका हिसाब रखेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 03:01 AM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 03:01 AM (IST)
एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार पड़ेगा मंहगा
एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार पड़ेगा मंहगा

जागरण संवाददाता, देहरादून: लोकसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार भी मंहगा पड़ेगा। बल्क एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार का व्यय भी प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय में जुडे़गा। प्रत्याशियों को इसकी जानकारी प्रतिदिन लेखा टीम को देनी होगी।

लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। आज के समय में चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया बड़ा हथियार बन चुका है। चुनाव लड़ने वाली पार्टी हो या चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करते हैं। यूं कहे कि अन्य माध्यमों के बजाए सोशल मीडिया से ही आधा चुनाव लड़ा जा रहा है तो गलत नहीं होगा। लेकिन, इस बार सोशल मीडिया पर अति सक्रियता भी पार्टी या प्रत्याशियों को मंहगी पड़ सकती है। वह इसलिए कि इस बार प्रत्याशियों को बल्क एसएमएस हो या सोशल मीडिया पर प्रचार इसका पूरा ब्योरा रोज प्रत्याशियों के खर्च पर अंकुश लगाने के लिए बनी लेखा टीमों को उपलब्ध कराना होगा। बल्क एसएमएस और सोशल मीडिया पर होने वाला खर्च भी इस बार प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी एसए मुरूगेशन ने सभी प्रत्याशियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं।

आयोग तय करेगा रेट

एसएमएस और सोशल मीडिया पर प्रचार को लेकर निर्वाचन आयोग ने कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत ऐसे प्रचार के भी रेट तय किए जाएंगे। इस संबंध में आयोग की टीम आइटी सेल के संपर्क में है और प्रत्याशियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। सूत्रों की मानें तो तमाम राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों को एसएमएस और सोशल मीडिया पोस्ट के रेट जारी करने की तैयारी है। ऐसे में प्रति एसएमएस और प्रति पोस्ट प्रत्याशियों के खर्च में जोड़ा जाएगा। साथ ही लेखा टीम इस पर कड़ी नजर रखेगी।

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