तो कक्षों के लिए जूझेंगे के चार कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में कक्षों की कमी पहले से ही बड़ा सिरदर्द
कांग्रेस का प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन 20 साल के वक्फे में पहली दफा एक साथ पांच अध्यक्ष देखने जा रहा है। जंबो कार्यकारिणी की वजह से पहले से ही हलकान इस भवन के सामने सबसे बड़ा संकट पांच अध्यक्षों के लिए कक्षों की व्यवस्था ही है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस का प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन 20 साल के वक्फे में पहली दफा एक साथ पांच अध्यक्ष देखने जा रहा है। जंबो कार्यकारिणी की वजह से पहले से ही हलकान इस भवन के सामने सबसे बड़ा संकट पांच अध्यक्षों के लिए कक्षों की व्यवस्था ही है। नए प्रदेश अध्यक्ष को इसके लिए भले ही परेशान न होना पड़े, लेकिन चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए मुख्य भवन में ही चार कक्षों के लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने होंगे।
प्रदेश उपाध्यक्षों और महामंत्रियों को आवंटित कक्ष मुख्य भवन के पिछले हिस्से बने सभागार में खिसकाए जा सकते हैं। पार्टी के पक्ष को मीडिया में रखने के लिए प्रवक्ताओं की लंबी-चौड़ी फौज के लिए मात्र एक कक्ष नियत है। राजीव भवन में वर्तमान में करीब 20 कक्ष हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य संख्या 280 तक पहुंच चुकी है। पार्टी मुख्यालय में कक्षों की कमी हमेशा से पदाधिकारियों के लिए बड़ा सिरदर्द रही है।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए कमरा और उसके बगल में ही बैठक कक्ष की व्यवस्था है। शेष के लिए हालात अच्छे नहीं है। 22 उपाध्यक्षों और 31 महामंत्रियों के लिए महज एक-एक कक्ष है। इन कक्षों में सिर्फ दो-दो कुर्सी-मेज लगी हैं। यानी एक साथ सिर्फ दो-दो पदाधिकारी ही बैठ सकते हैं। 98 प्रदेश सचिवों के साथ ही उपाध्यक्ष व महामंत्रियों की संख्या में और इजाफा किया तो गया है, लेकिन इन पदाधिकारियों के लिए बैठने को कक्ष नहीं है। यही हाल पार्टी के 14 प्रवक्ताओं, आठ वरिष्ठ प्रवक्ताओं, मीडिया कमेटी और पब्लिसिटी कमेटी का भी है।
प्रवक्ताओं के लिए सिर्फ एक कक्ष है। सभी प्रवक्ता एक साथ पहुंच जाएं तो कक्ष में बैठने के लिए भी जगह नहीं है। इसके अतिरिक्त महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआइ, सेवादल के साथ जिला कांग्रेस कमेटी और महानगर कांग्रेस कमेटी के पास एक-एक कक्ष हैं। पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ व गोरखा प्रकोष्ठ भी एक-एक कक्ष पर काबिज हैं। दो कक्षों में कार्यालय कामकाज संचालित हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए कक्षों की व्यवस्था का है।
माना जा रहा है कि कार्यकारी अध्यक्षों को कार्यालय देने के लिए उपाध्यक्षों व महामंत्रियों को आवंटित कक्षों को पिछले हिस्से में स्थित सभागार में अस्थायी रूप से बनाए गए कक्षों में शिफ्ट करने की नौबत आ सकती है। नए अध्यक्ष गणेश गोदियाल के शनिवार देर शाम या रविवार तक प्रदेश मुख्यालय पहुंचने की सूचना है।
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