सीजन की सातवीं बर्फबारी ने बढ़ाई लोगों की मुसीबत
संवाद सूत्र, चकराता: जौनसर बावर क्षेत्र में दो दिन से लगातार हो रही बारिश और चकराता सहित
संवाद सूत्र, चकराता: जौनसर बावर क्षेत्र में दो दिन से लगातार हो रही बारिश और चकराता सहित आस-पास के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के चलते जनजीवन प्रभावित है। मंगलवार रात मौसम का मिजाज बिगड़ने पर पूरा क्षेत्र बर्फ से लकदक हो गया। बुधवार सुबह जब लोग सोकर उठे तो हर तरफ बर्फ ही बर्फ का नजारा देखने को मिला। ऊंचाई वाले इलाकों में बसे ग्रामीणों की सातवें हिमपात से दुश्वारियां और बढ़ गयी। कई गांवों की पेयजल लाइने व स्त्रोत जमने से आपूर्ति ठप है। त्यूणी चकराता-मसूरी हाईवे समेत एक दर्जन संपर्क मार्ग बंद होने पर लोग अपने पशुओं के लिए चारापत्ती तक नहीं ला पा रहे हैं। हाईटेंशन लाइन में जगह-जगह फाल्ट आने से 60 गांवों की बत्ती गुल हो गई।
मौसम के लगातार बरसने से पहाड़ में बसे लोगों की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही। तलहटी क्षेत्र में तेज बारिश और चकराता व ऊंचे इलाकों में बर्फबारी होने से समूचे इलाके में ठंड बढ़ गई। चकराता से ऊपर वाले इलाके ने पूरी तरह बर्फ की चादर ओढ ली है। मंगलवार रात में भारी बर्फ पड़ने से चकराता-त्यूणी हाईवे अवरुद्ध होने के साथ ही चकराता, देववन, लोखंडी, लोहारी, बुधेर क्षेत्र के एक दर्जन मार्ग पूरी तरह बंद हो गए हैं। पेयजल लाइनों के स्त्रोत जमने से दर्जनों गांवों में पेयजल संकट बना हुआ है। लोग बर्फ पिघलाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। आलम यह है कि बर्फबारी प्रभावित लोखंडी से जाड़ी और कोटी-कनासर के बीच सड़क के दोनों तरफ पहले से बर्फ की चार से पांच फुट तक मोटी परत जमी है। मौसम के सातवें हिमपात से खंडबा, देववन, मुंडाली, लोखंडी, बुधेर, कनासर, मोइला डांडा, चुरानी जैसे पर्यटन स्थल हिमपात से लकदक हैं, लेकिन यहां जाने वाले रास्ते बंद होने से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्थानीय लोगों को पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। बिजली नहीं होने से व दो दिन से नेटवर्क फेल से दर्जनों गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है।