प्रत्याशियों के चेहरों की मुस्कान हुर्इ गायब, अब दिख रही चिंता की लकीरें

जैसे ही मतदान संपन्न हुआ वैसे ही प्रत्याशियों के चेहरों की मुस्कान गायब हो गर्इ हैं और उनके माथे पर अब चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 03:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 03:33 PM (IST)
प्रत्याशियों के चेहरों की मुस्कान हुर्इ गायब, अब दिख रही चिंता की लकीरें
प्रत्याशियों के चेहरों की मुस्कान हुर्इ गायब, अब दिख रही चिंता की लकीरें

देहरादून, राज्य ब्यूरो। एक माह तक चले चुनाव-प्रचार के शोरगुल के बाद आखिरकार मतदान का दिन भी गुजर गया है। इसके साथ ही अभी तक चेहरे पर लंबी मुस्कान लिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में पूरी शिद्दत से जुटे प्रत्याशियों की भाव भंगिमा भी बदल गई है। अब परिणाम को लेकर उनके चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। 

नगर निकायों में हुए चुनावों में इaस बार मतदाताओं ने जमकर अपने मत का इस्तेमाल किया है। इसमें बड़ी संख्या ऐसे मतदाताओं की है जिन्होंने किसी पार्टी, बैनर या किसी प्रत्याशी के साथ जुड़े बगैर चुपचाप अपना मतदान किया। मतदाताओं की यही चुप्पी प्रत्याशियों की पेशानी पर बल डाले हुए है। 

दरअसल, देखा जाए तो निकाय चुनावों में किसी भी दल के पास कोई बड़ा मुद्दा ऐसा नहीं था जिसे आधार बनाकर चुनाव लड़ा जा सके। बड़े दलों ने भले ही अपने दृष्टिपत्र और संकल्पपत्र जारी किए हों लेकिन निकायों में इसका उतना असर नजर नहीं आया। बड़ी संख्या में निर्दल प्रत्याशियों के उतरने के कारण चुनाव अधिक रोचक हुए हैं। देखा जाए तो निकाय चुनावों में विशेषकर पार्षद और सभासद के पदों पर संगठन अथवा पार्टी का बहुत अधिक महत्व नहीं रह जाता। यहां प्रत्याशी की अपनी व्यक्तिगत छवि ही बेहद मायने रखती है। मतदाता भी इसी आधार पर अपने प्रतिनिधि का चुनाव करता है। 

कई बार निर्दल प्रत्याशी इतना मजबूत होता है कि महापौर अथवा अध्यक्ष पद पर मत डालते समय भी मतदाता केवल अपने प्रत्याशी के चुनाव चिह्न को ध्यान में रखते हुए उसी पर वोट देता है। इसका असर अध्यक्ष व महापौर के चुनाव पर भी पड़ता है। इस बार चुनावों में निर्दल प्रत्याशियों ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। इससे कई नतीजों के समीकरण बदलने तय माने जा रहे हैं। हालांकि, पूरी तस्वीर अब नतीजों के बाद ही साफ होगी लेकिन तमाम समीकरण प्रत्याशियों को परेशान किए हुए हैं। मतदान के बाद तमाम तरह के गणित लगाए जा रहे हैं। अपने-अपने कयास चल रहे हैं। इन सबके बीच प्रत्याशियों के लिए अब हर गुजरता लम्हा उनके लिए खासा भारी साबित हो रहा है। 

भाजपा-कांग्रेस में दूसरे नंबर का मुकाबला: रजनी 

चुनाव के लिए रविवार को मतदान संपन्न हो गया। किसकी जीत होगी या किसकी हार यह तो मतदान के बाद ही पता चलेगा, लेकिन प्रत्याशी खुद को प्रतिद्वंदियों से ऊपर आंकने में गुरेज नहीं कर रहे है। मतदान समाप्त होने के बाद आप प्रत्याशी रजनी रावत का कहना है कि उनकी जीत सुनिश्चित है। भाजपा व कांग्रेस दूसरे नंबर के लिए लड़ रही हैं। रजनी रावत की माने तो उन्होंने सभी मतदान बूथों का निरीक्षण किया। मलिन बस्तियों में उसे सबसे ज्यादा समर्थन मिला हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मतदाताओं ने उनके पक्ष में वोटिंग की है। युवा वर्ग के साथ ही पढ़े-लिखे लोगों का भी उन्हें खुलकर समर्थन मिला है।  

भाजपा के खिलाफ गया जनादेश: दिनेश अग्रवाल 

कांग्रेस से महापौर पद के प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में दून की जनता ने भारी उत्साह से मतदान किया। उन्होंने मतदान के लिए जनता का आभार जताया। रविवार को दिनेश अग्रवाल ने मतदान प्रतिशत बढ़ने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार व नगर निगम की कारगुजारियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। इसीलिए लोग घरों से निकलकर मतदान करने पहुंचे। कहा कि कांग्रेस ने ज्वलंत मुद्दों, जिसमें महंगाई, घरेलू गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि, पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार वृद्धि, राशन की दुकानों में चीनी, मिट्टी तेल का न मिलना, देहरादून नगर निगम में भाजपा का 10 साल का निराशाजनक कार्यकाल जैसे मुद्दों को जनता के साथ साझा किया। 

सरकार की उपलब्धियां बनेंगी हमारी जीत: गामा 

 भाजपा महापौर प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा ने कहा कि वोटरों ने जो उत्साह दिखाया है, वह भाजपा के पक्ष में हैं। केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां उनकी जीत का कारण बनेगी। चुनाव में हर बूथ पर उनके पार्टी के पक्ष में माहौल देखा गया। भाजपा प्रत्याशी गामा ने रविवार सुबह आठ बजे डोभालवाला स्थित मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद हाथीबड़कला, कैंट, धर्मपुर, मोहकमपुर, हर्रावाला, मियांवाला, नकरौंदा, बालावाला, रायपुर, डालनवाला समेत 60 फीसद वार्डो में पहुंचकर अपने और पार्षद प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान की अपील की।

देर रात मतदान का प्रतिशत स्पष्ट होने पर गामा ने कहा कि वोटरों में जो उत्साह देखा गया, उससे भाजपा रिकार्ड मतों से जीतेगी। उन्होंने कहा कि शहर के नए क्षेत्रों में 70 फीसद वोट भाजपा को मिले हैं। जबकि पुराने इलाकों में भी युवाओं से लेकर महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में ज्यादा मतदान किया है। 

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