छह हजार गैस एजेंसी कर्मचारियों को मिलेगा जीवन बीमा का लाभ
एलपीजी सिलिंडर एजेंसी और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) एचपीसी और बीपीसीएल ने पेट्रोल पंप पर काम करने वाले और एलपीजी सिलिंडर पहुंचाने वाले कर्मचारियों का जीवन बीमा कवर आगे बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। एलपीजी सिलिंडर एजेंसी और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी), एचपीसी और बीपीसीएल ने पेट्रोल पंप पर काम करने वाले और एलपीजी सिलिंडर पहुंचाने वाले कर्मचारियों का जीवन बीमा कवर आगे बढ़ा दिया है। कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
आइओसी के एरिया सेल्स मैनेजर सुधीर कश्यप ने बताया कि कोराना महामारी के प्रसार के बावजूद ईंधन की आपूर्ति को बिना किसी बाधा के जारी रखने के इंडियन ऑयल के प्रयासों में इन कर्मचारियों का अहम योगदान है। चिकित्सा बीमा में कर्मचारी के साथ ही उनकी पत्नी और दो बच्चों को भी बीमा का फायदा मिलेगा। इसके तहत कोविड-19 संबंधी और अस्पताल में भर्ती होने पर एक लाख रुपये तक का दावा किया जा सकता है। बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मौत होने पर परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। प्रदेश में तीनों गैस कंपनी की करीब 600 एजेंसी हैं, जिनमें 6000 कर्मचारी हैं।
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मजदूरों को निश्शुल्क राशन उपलब्ध करवाए सरकार
महानगर व्यापार प्रकोष्ठ ने सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन मजदूर, श्रमिक, व्यापारी, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, निजी वाहन चालकों को निश्शुल्क राशन मुहैया करवाए। इस संबंध में महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के चलते मजदूर काम पर नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में श्रमिकों के खातों में पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। राशन को बढ़ाकर 10 किलो चावल व 10 किलो गेहूं किया जाना चाहिए।
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वन कर्मचारियों और उनके स्वजनों ने लगवाया टीका
ब्रुकलैंड बालरेगंज स्थित प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय-आवास परिसर में कर्मचारियों और उनके स्वजनों को शुक्रवार को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। उप जिला चिकित्सालय के डॉ. प्रदीप राणा के नेतृत्व में आयोजित शिविर में वन प्रभाग के 20 कर्मचारियों और उनके स्वजनों ने टीका लगवाया। प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम ने बताया कि वनकर्मी अधिकांश समय ऑफिस से बाहर ड्यूटी पर रहते हैं। इस कारण उनका टीकाकरण नहीं हो पाया था।
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