छात्रवृत्ति घोटाला: अब बैंक खातों की जांच में जुटी एसआइटी

छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने बैंकों में खोले गए खातों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग से हरिद्वार और दून के बैंकों की सूची मांगी है।

By Edited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 09:52 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 03:59 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला: अब बैंक खातों की जांच में जुटी एसआइटी
छात्रवृत्ति घोटाला: अब बैंक खातों की जांच में जुटी एसआइटी
देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने बैंकों में खोले गए खातों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग से हरिद्वार और दून के बैंकों की सूची मांगी है। जल्द एसआइटी की टीम एक-एक बैंक में जाकर खातों की जानकारी जुटाएगी। इधर, सामान्य छात्रों को भी आरक्षित वर्ग में दिखाने के मामले भी सामने आए हैं। समाज कल्याण विभाग में करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआइटी को कई अहम सबूत मिलने लगे हैं। 
समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेजों के अध्ययन में जुटी एसआइटी की टीम अब बैंक खातों में जमा हुई छात्रवृत्ति की रकम को लेकर जानकारी जुटा रही है। अभी तक दून और हरिद्वार के ऐसे बैंक, जहां सबसे ज्यादा छात्रवृत्ति के खाते खोले गए, उनके बारे में जानकारी ली जा रही है। सूत्रों का कहना है कि फर्जी छात्रवृत्ति हड़पने वाले प्राइवेट संस्थानों ने बैंकों से मिलीभगत कर खाते खोले गए है। कई संस्थानों ने आइडी की जगह अपने संस्थान के फर्जी पत्र जारी किए हैं। 
इन पत्रों के आधार पर आसानी से बैंकों ने खाते खोल दिए हैं। एसआइटी इन पत्रों की भी जांच करेगी। इधर, हरिद्वार जिले में सहारनपुर के युवाओं को छात्रवृत्ति का लाभ दिए जाने के मामले भी सामने आए हैं। इस पर एसआइटी जांच के दायरे में आए संस्थानों से सूची जुटा रही है। इसी सूची के आधार पर असली और फर्जी छात्रों की स्थिति साफ होगी। जबकि सामान्य छात्र-छात्राओं को एससी, एसटी और ओबीसी दिखाने के मामले में भी जांच कराई जा रही है।
बड़े संस्थानों में बड़ा फर्जीवाड़ा मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत अन्य प्रोफेशनल कोर्स से जुड़े प्रदेश के कई बड़े संस्थान भी फर्जीवाड़े में शामिल हैं। ऐसे संस्थानों पर एसआइटी आसानी से हाथ डाल पाएगी, इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद करीब एक साल से जांच अटकी होने के पीछे भी यही अर्थ निकाले जा रहे हैं। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एसआइटी इस मामले में असली घोटालेबाजों पर हाथ डालेगी कि नहीं, इस पर सब की निगाहें टिकी हुई है।
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