मसूरी में इस घर में रहते थे सर जार्ज एवरेस्‍ट, नवीनीकरण के बाद इसे पर्यटन मंत्री ने किया लोकार्पित

मसूरी के पार्क एस्टेट हाथी पांव में सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को 23.69 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण किया गया है। आज मंगलवार को एक कार्यक्रम में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इसे लोकार्पित किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 03:55 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 03:55 PM (IST)
मसूरी में इस घर में रहते थे सर जार्ज एवरेस्‍ट, नवीनीकरण के बाद इसे पर्यटन मंत्री ने किया लोकार्पित
नवीनीकरण के बाद सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को पर्यटन मंत्री ने किया लोकार्पित

संवाद सहयोगी मसूरी। भारत के पहले सर्वेयर जनरल सर जार्ज एवरेस्ट की कर्मस्थली मसूरी में उनके आवास को नए कलेवर में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। 23.69 करोड़ रुपये की लागत से यहां तमाम सुविधाएं विकसित किए जाने के बाद मंगलवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस ऐतिहासिक पर्यटन स्थल का लोकार्पण किया। माउंट एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई बताने वाले सर्वेयर जार्ज एवरेस्ट के इस आशियाने का ऐतिहासिक महत्व तो है ही। इसके अलावा यहां की विहंगम छटा भी पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर खींचती है।

मसूरी से करीब छह किलोमीटर की दूरी पर हाथीपांव के समीप पार्क एस्टेट में जार्ज एवरेस्ट हाउस और उनकी प्रयोगशाला स्थित है। इसका लोकार्पण करते हुए पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि जार्ज एवरेस्ट हाउस अब मुख्य पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बनाएगा।

उन्होंने कहा कि सर जार्ज एवरेस्ट के नाम पर ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम माउंट एवरेस्ट रखा गया। पहले इसे पीक-15 के नाम से जाना जाता था। पर्यटन मंत्री ने बताया कि पार्क एस्टेट की 172 एकड़ जमीन में जार्ज एवरेस्ट हाउस और प्रयोगशाला का निर्माण वर्ष 1832 में हुआ था। एशियन डेवलपमेंट बैंक से वित्त पोषित योजना के अंतर्गत 18 जनवरी 2019 को इसका जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया था। यहां सभी कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। जार्ज एवरेस्ट हाउस के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसके जीर्णोद्धार में सीमेंट के स्थान पर चूना, उड़द की दाल, सुर्खी, मेथी के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है। चिनाई में लाहौरी ईंटों का प्रयोग किया गया है। जार्ज एवरेस्ट हाउस, प्रयोगशाला, आउटहाउस व बैचलर रूम के नवीनीकरण, एप्रोच रोड, ट्रैक रूट, ओपन एअर थियेटर, प्रदर्शन ग्राउंड व चार मोबाइल शौचालय के निर्माण और पांच फूड वैन व दो टूरिस्ट बस पर 16.41 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

इस मौके पर पर्यटन मंत्री ने टूरिस्ट वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और जार्ज एवरेस्ट हाउस परिसर में पौधारोपण करने के साथ द ग्रेट ओक पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर कार्यक्रम अपर निदेशक आरके तिवारी, जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम, उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश नारायण माथुर, इतिहासकार गोपाल भारद्वाज, जिला पंचायत सदस्य भगवान ङ्क्षसह रावत, तिब्बत्ती समुदाय के उगेन व सीमा शर्मा उपस्थित रहे।

मलेथा होगा फ्रांस के कोर्सिका की तर्ज पर विकसित

पर्यटन मंत्री ने कहा कि मलेथा को फ्रांस के कोर्सिका द्वीप की तर्ज पर विकसित किया जाएगा और पर्यटन सर्किट में शामिल किया जाएगा। श्रीनगर गढ़वाल जाने वाले लोग मलेथा होकर जाएंगे और वहां के इतिहास को जानेंगे। पर्यटन विभाग लिटरेचर तैयार कर रहा है, जिसमें मलेथा के इतिहास को भी दर्ज किया जाएगा।

जानिए सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट के बारे में

1 सर जॉर्ज एवरेस्ट एक प्रसिद्ध भूगोलवेत्‍ता और भारत के प्रथम महासर्वेक्षक थे।

2 उन्‍होंने 1832 में मसूरी स्थित जार्ज एवरेस्‍ट हाउस एवं लेबोरेटरी का निर्माण किया था।

3 वर्ष 1865 में सर जार्ज एवरेस्‍ट के सम्‍मान में पी-15 का नाम बदलकर माउंट एवरेस्‍ट रख दिया गया।

4 सर जार्ज एवरेस्‍ट ने महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण के खंड को पूरा किया था जो की दक्षिण से मेरिडियन चाप के साथ उत्‍तर में नेपाल तक फैला हुआ है।

5 उन्‍होंने 2400 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिक सर्वे आफ इंडिया को पूरा किया।

6 सर जार्ज एवरेस्‍ट ने भारत में ब्रिटिश क्षेत्रों का सीमांकन और हिमालय की चोटियों की ऊंचाई का माप भी किया।

7 उन्‍होंने के-2 और कंचनजंगा चोटियों को भी मापा।

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