उत्तराखंड: औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में सहयोगी बनने को SIDBI तैयार, 350 करोड़ की करेगी फंडिंग
सिडबी उत्तराखंड में एमएसएमई क्लस्टर को विकसित करने के लिए 350 करोड़ रुपये की फंडिंग को तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान सिडबी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एस रमन ने यह पेशकश की।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) उत्तराखंड में एमएसएमई क्लस्टर को विकसित करने के लिए 350 करोड़ रुपये की फंडिंग को तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान सिडबी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एस रमन ने यह पेशकश की। उन्होंने कहा कि सिडबी राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में सहयोगी बनने को तैयार है।
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रमन ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड के तहत राज्य को यह फंडिंग की जानी है। सिडकुल नेे सितारगंज प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चङ्क्षरग क्लस्टर काशीपुर, खादी माल उत्तराखंड तथा एरोमा पार्क ऊधमसिंह नगर का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे राज्य के वित्त विभाग द्वारा भारत सरकार से सिडबी फंड की स्वीकृति के लिए भेजा जाना है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सिडबी से प्रदेश के औद्योगिक विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य का वातावरण उद्योगों के अनुकूल है। राज्य में बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई सेक्टर में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना ही सरकार का उद्देश्य है। इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां तय की जा रही है। सिडबी द्वारा दिए गए प्रस्ताव के संबंध में राज्य के स्तर पर जो भी कार्यवाही की जानी है वह प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। इस दौरान अपर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार व सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डा आरके सिंह भी उपस्थित थे।
उप्र की तर्ज पर उत्तराखंड में तय हो सकता है गन्ना मूल्य
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गन्ने के मूल्य बढ़ाया जा सकता है। गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इस संबंध में संकेत दिए। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के हितों के मामले में प्रदेश सरकार भी पीछे नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। उत्तर प्रदेश के इस कदम से उत्तराखंड में भी गन्ना किसानों को लेकर सियासत गर्म है। हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिलों में गन्ना किसानों की संख्या ज्यादा है। वहीं देहरादून व नैनीताल जिलों में भी गन्ना किसानों की अच्छी तादाद है। गन्ना विभाग की जिम्मेदारी हरिद्वार जिले से विधायक और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के पास है। गन्ना पेराई सत्र अगले माह से प्रारंभ होना है।
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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार हर तरह से सावधानी बरत रही है। उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य घोषित होने के बाद प्रदेश सरकार भी सक्रिय दिख रही है। मीडिया से बातचीत में गन्ना मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि किसानों के हित को देखते हुए गन्ना मूल्य तय करने के बाद निर्णय जल्द लिया जाएगा।
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