Rishikesh News: ऋषिकेश में दुकानदारों ने नगर निगम की टीम को लौटाया, धरने पर बैठे

हरिद्वार मार्ग पर लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) निरीक्षण भवन के आगे उच्च न्यायालय के आदेश पर नेशनल हाईवे डिवीजन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी। खाली जगह पर नगर निगम अस्थाई सब्जी मंडी शिफ्ट करना चाहता है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 11:20 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 11:20 AM (IST)
Rishikesh News: ऋषिकेश में दुकानदारों ने नगर निगम की टीम को लौटाया, धरने पर बैठे
ऋषिकेश: दुकानदारों ने नगर निगम की टीम को लौटाया।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। हरिद्वार मार्ग पर लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन के आगे उच्च न्यायालय के आदेश पर नेशनल हाईवे डिवीजन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी। खाली जगह पर नगर निगम अस्थाई सब्जी मंडी शिफ्ट करना चाहता है। रविवार को व्यापारियों ने नगर निगम की टीम का विरोध किया, टीम वापस लौट गई। व्यापारी मौके पर धरना देकर बैठ गए हैं। नगर निगम प्रशासन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त फोर्स की मांग की है।

वहीं, दुकानदारों के समर्थन में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला, प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष नरेश अग्रवाल, नगर महामंत्री ललित मोहन मिश्र भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार और नगर निगम किसी भी व्यापारी का रोजगार छीनने का प्रयास न करें। इनके विस्थापन की उचित व्यवस्था की जाए। उससे पहले इन्हें हटाने की जल्दबाजी प्रशासन न करें।

उच्च न्यायालय में वर्ष 2018 में जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए न्यायालय ने सभी प्रमुख विभागों को अपनी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे, जिसके अनुपालन में नेशनल हाईवे डोईवाला डिवीजन ने मंडी तिराहा से लेकर घाट चौराहा तक सड़क के किनारे स्थाई अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए थे। लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन के बाहर 32 दुकानदारों के निर्माण भी तोड़े गए थे। वर्तमान में जीवनी माई मार्ग से हटाए गए फल और सब्जी फुटकर विक्रेताओं को नगर निगम लोनिवि के बाहर आस्थाई रूप से शिफ्ट करना चाहता है। 

यहां हटाए गए दुकानदार अपने वाहन खड़े करते हैं। शनिवार को नगर निगम ने जगह खाली करने के लिए मुनादी करा दी थी। रविवार की सुबह फुटकर मंडी के लिए इस भूमि को समतल किया जाने का कार्य होना था। जिसके लिए मौके पर नगर निगम की टीम जेसीबी लेकर पहुंची, वहां मौजूद 32 दुकानदारों ने नगर निगम की कार्यवाही का यह कहकर विरोध किया कि यह जमीन नेशनल हाईवे डिवीजन ने खाली करायी है। अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन है नगर निगम को इस भूमि पर मंडी शिफ्ट करने का कोई अधिकार नहीं है। व्यापारियों ने नगर निगम की टीम को यहां से लौटा दिया है और व्यापारी वहां धरना देकर बैठ गए हैं।

मुख्य नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि पूरे मामले को देखने के लिए सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से बात करके यहां अतिरिक्त फोर्स मंगाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को नगर निगम अस्थाई रूप से प्रयोग में ला सकता है। व्यापारियों का इस मामले में विरोध अनुचित है।

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