राजाजी टाइगर रिजर्व में टली तीसरे बाघ की शिफ्टिंग, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख लिया फैसला
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने राजाजी टाइगर रिजर्व में पांच बाघों को शिफ्ट करने की मुहिम में भी बाधा डाली है। फिलवक्त वहां कार्बेट टाइगर रिजर्व से तीसरे बाघ की शिफ्टिंग टाल दी गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने राजाजी टाइगर रिजर्व में पांच बाघों को शिफ्ट करने की मुहिम में भी बाधा डाली है। फिलवक्त वहां कार्बेट टाइगर रिजर्व से तीसरे बाघ की शिफ्टिंग टाल दी गई है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार अब परिस्थितियां होने पर ही राजाजी में एक-एक कर तीन बाघ लाए जाएंगे। अभी तक वहां दो बाघ छोड़े जा चुके हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व का मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र बाघों के लिहाज से वीरान था। वहां वर्षों से दो बाघिनें ही मौजूद थीं। असल में रिजर्व के चीला, रवासन, गौहरी क्षेत्रों में बाघों की ठीक-ठाक संख्या है, मगर रिजर्व के मध्य में गंगा नदी के अलावा वहां से गुजर रहे नेशनल हाइवे व रेल मार्ग के कारण बाघ मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में नहीं आ पाते। इस सबको देखते हुए यहां भी बाघों का कुनबा बढ़ाने के मद्देनजर कार्बेट से पांच बाघ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मंजूरी और सभी तरह की कवायद पूरी होने के बाद पिछले वर्ष 24 दिसंबर को कार्बेट से एक बाघिन को सफलतापूर्वक यहां शिफ्ट करने में कामयाबी मिली। इसके बाद इस वर्ष नौ जनवरी को नर बाघ शिफ्ट किया गया। अपै्रल में यहां तीसरा बाघ शिफ्ट किया जाना था, मगर इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ्तार को देखते हुए वन महकमे ने फिलहाल अपने कदम पीछे खींच लिए।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि कार्बेट में यहां लाने के लिए तीसरा बाघ चिह्नित है। उस पर लगातार नजर रखी जा रही है, लेकिन अब कोरोना के दृष्टिगत परिस्थिति सामान्य होने के बाद ही उसे राजाजी लाया जाएगा। इसके बाद नियमित अंतराल में दो और बाघ यहां शिफ्ट किए जाएंगे।
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