शक्तिनहर के पुल हो चुके हैं जर्जर, हादसे का खतरा
ढकरानी गांव में प्रवेश के लिए बनाए गए शक्तिनहर के पुलों की जर्जर स्थिती ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: ढकरानी गांव में प्रवेश के लिए बनाए गए शक्तिनहर के पुलों की जर्जर स्थिति ग्रामवासियों के लिए गंभीर समस्या बन रही है। अपनी मियाद पूरी कर चुके गांव के पुल चलने लायक नहीं रह गए हैं, जिससे इनके निर्माण की मांग ग्रामीणों ने की है।
क्षेत्र में वर्ष 1960 में बनी जलविद्युत परियोजनाओं को पानी की सप्लाई देने के लिए बनाई गई शक्तिनहर के सभी पुल अपनी निर्धारित तकनीकी उम्र पूरी कर चुके हैं। इसी कारण से कई साल पहले इन सभी पुलों पर भारी वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया था। उधर, शक्तिनहर के दूसरे छोर पर बसे ढकरानी गांव में आवाजाही के लिए इन पुलों से ही होकर गुजरने की मजबूरी ग्रामीणों के सामने है। आबादी की ²ष्टि से विकासनगर ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव माने जाने वाले ढकरानी में आवाजाही के लिए शक्तिनहर पर दो पुलों का निर्माण परियोजना बनने के समय किया गया था। अब दोनो पुलों की स्थिति जर्जर होने के चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामवासी कुर्बान अली, मोहम्मद आरिफ, राव शानू, निसर अहमद, वाहिद अली, सेटटी आदि का कहना है कि पुलों की दिन प्रतिदिन दयनीय होती स्थिति से उनकी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि पुलों पर आवाजाही बंद हो जाने की दशा में उन्हें कई-कई किलोमीटर के चक्कर काटने पडें़गे। इसके अलावा यदि पुलों के गिरने से यहां किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है। उनका कहना है कि पुलों की स्थिति अधिक खराब होने से पहले की इनके निर्माण के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार व उत्तराखंड जल विद्युत निगम अधिकारियों से ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग भी की है।