धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन से बड़ा झटका, 15 दिन में ड्यूटी नहीं की ज्वाइन तो सेवा होगी समाप्त

दो महीने से धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन ने बड़ा झटका दे दिया है। अपर मुख्य सचिव मनरेगा मनीषा पंवार ने कर्मचारियों को 15 दिन का समय देते हुए 29 मई तक ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए। ऐसा नहीं होने पर सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 03:51 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 03:51 PM (IST)
धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन से बड़ा झटका, 15 दिन में ड्यूटी नहीं की ज्वाइन तो सेवा होगी समाप्त
धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन से बड़ा झटका।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दो महीने से धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन ने बड़ा झटका दे दिया है। अपर मुख्य सचिव मनरेगा मनीषा पंवार ने कर्मचारियों को 15 दिन का समय देते हुए 29 मई तक ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी है। 

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बीते शुक्रवार को आदेश जारी कर हड़ताल पर बैठे 1294 कर्मचारियों को 15 दिन में ड्यूटी ज्वाइन करने की स्थिति में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से तैनाती देने, मानदेय एनआरएलएम के समकक्ष पदों के बराबर करने और ईपीएफ का 13 फीसद भुगतान करने की सुविधा दी है, लेकिन एनआरएलएम के भांति वेतन देने पर हर वर्ष पांच फीसद वेतन वृद्धि पर रोक लग जाएगी। 29 मई तक सभी कर्मचारियों को उनके कार्यालय स्थल पर रिपोर्ट करने के आदेश भी दिए हैं, ऐसा नहीं होने पर इनकी सेवा समाप्त कर नए लोग को उनके स्थान पर भर्ती करने को कहा है। अपर मुख्य सचिव के इस फैसले से कर्मचारी भड़के हुए हैं।

महात्मा गांधी कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदरमणी सेमवाल ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रही थी। इस बीच शासन द्वारा कर्मचारियों के विरोध में आदेश जारी करना न्यायसंगत नहीं है। कहा कि 15 वर्षों से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। मुख्यमंत्री से जल्द इस संबंध में बात की जाएगी। उधर, धरना स्थल पर 62वें दिन भी कर्मचारियों को विरोध जारी रहा। विरोध जताने वालों में रमेश गडिया, संदीप, रुचि पांडे, प्रवेश पोखरियाल, अनूप नेगी, विजयपाल रावत, अनुज बहुगुणा, मोहित रतूड़ी, संजय, कैलाश समेत अन्य लोग मौजूद रहे। 

कर्मचारियों के लिए कार्यालयों में कैंप लगाने की मांग 

तमाम सरकारी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने को उनका टीकाकरण किया जाए। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सभी कार्यालयों में कैंप लगाकर कर्मचारियों के टीकाकरण की मांग की है। एसोसिएशन के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण का प्रकोप अत्यधिक तेजी से बढ़ रहा है, जिसके बचाव व सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के स्तर से कारगर प्रयास भी किए जा रहे हैं। आम जनमानस को इस प्रकोप से सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए टीकाकरण भी कराया जा रहा है, लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर आम जनमानस की भारी भीड़ होने के कारण प्रदेश का कार्मिक वर्ग और उनके परिवार के सदस्य इस टीकाकरण अभियान से वंचित हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की हितैषी है। आम जनमानस के साथ प्रदेश के कार्मिक वर्ग के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है। अब प्रदेश के सभी निदेशालयों, विभागीय कार्यालयों, स्वायतशासी निकायों व शिक्षण संस्थानों में टीकाकरण कैंप आयोजित किए जाएं, जिनमें 18-44 वर्ष और 45 से अधिक आयु वर्ग में प्रदेश के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं आउटसोर्स कार्मिकों और उनके परिवार का कोविड टीकाकरण कराया जाए।

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