उत्तराखंड: अस्तित्व में आई पुलिस दूरसंचार विभाग की सेवा नियमावली, की गई है यह व्यवस्था

आखिरकार राज्य गठन के बाद पुलिस दूरसंचार विभाग के अराजपत्रित संवर्ग की सेवा नियमावली तैयार हो ही गई है। इस नियमावली में दूरसंचार संवर्ग के पदों पर भर्ती पदोन्नति प्रशिक्षण नियुक्ति ज्येष्ठता और स्थायीकरण की व्यवस्था की गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 12:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 12:02 PM (IST)
उत्तराखंड: अस्तित्व में आई पुलिस दूरसंचार विभाग की सेवा नियमावली, की गई है यह व्यवस्था
अस्तित्व में आई पुलिस दूरसंचार विभाग की सेवा नियमावली।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आखिरकार राज्य गठन के बाद पुलिस दूरसंचार विभाग के अराजपत्रित संवर्ग की सेवा नियमावली तैयार हो ही गई है। इस नियमावली में दूरसंचार संवर्ग के पदों पर भर्ती, पदोन्नति, प्रशिक्षण, नियुक्ति, ज्येष्ठता और स्थायीकरण की व्यवस्था की गई है। विशेष यह कि इसमें सिविल पुलिस की भांति उप निरीक्षक से निरीक्षक पदों पर पदोन्नति की समय सेवा 10 वर्ष रखी गई है। पुलिस के अन्य तकनीकी विभाग में यह पांच वर्ष है। 

गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दूरसंचार संवर्ग की सेवा नियमावली पर मुहर लगी। अभी तक दूरसंचार का अराजपत्रित संवर्ग उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो अधीनस्थ सेवा नियमावली के अनुसार संचालित हो रहा था। इसे देखते हुए कुछ समय पहले गृह विभाग ने इस नियमावली को बनाने का काम शुरू किया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि मुख्य आरक्षी के पद अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के जरिये भरे जाएंगे। आवेदक का भौतिक विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी विषय के साथ इंटरमीडिएट पास होना जरूरी है। सहायक उपनिरीक्षक के पद ज्येष्ठता के आधार पर भरे जाएंगे। 

इनमें पदोन्नति के लिए मुख्य आरक्षी का पांच वर्ष की सेवा पूरी करना और विभाग द्वारा कराए गए पाठ्यक्रम प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होना जरूरी है। सहायक उपनिरीक्षक के 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती और 75 प्रतिशत पद पदोन्नति के जरिये भरे जाएंगे। सीधी भर्ती के लिए आवेदक का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान एवं गणित के साथ स्नातक होना जरूरी है। निरीक्षक दूरसंचार के सभी पद पदोन्नति से भरे जाएंगे, इसके लिए न्यूनतम अर्हता विभाग में 10 वर्ष की सेवा पूरी करना शामिल है। इसके साथ ही नियमावली में नियमानुसार आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है। 

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