उत्‍तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में छात्रावास को दस डिग्री कालेजों का चयन

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिए 10 से 15 किमी की पैदल दूरी चलने को मजबूर छात्राओं को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। केंद्र की मदद से राज्य सरकार दूरस्थ डिग्री कालेजों में छात्राओं के लिए छात्रावास बनाएगी। पहले चरण में दस कालेज चुने गए हैं।

By RAVINDRA KUMAR BARTHWALEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 04:11 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 04:11 PM (IST)
उत्‍तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में छात्रावास को दस डिग्री कालेजों का चयन
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिए 10 से 15 किमी की पैदल दूरी चलने को मजबूर छात्राओं को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। केंद्र की मदद से राज्य सरकार दूरस्थ डिग्री कालेजों में छात्राओं के लिए छात्रावास बनाएगी। पहले चरण में दस कालेज चुने गए हैं। इनमें 50-50 छात्राओं के लिए छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के दूरदराज खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिए हर रोज लंबी दूरी तय करने की वजह से छात्राओं की उच्च शिक्षा में रुचि कम हो रही है। उच्च शिक्षा में ड्राप आउट की इस वजह को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग को छात्रावास के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। बीते दिनों उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की थी।

केंद्रीय मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार की महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए महिला छात्रावास के प्रस्ताव देने को कहा था। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत ने बताया कि पहले चरण में दस कालेजों में छात्रावास बनाने पर सहमति बनी है। राजकीय डिग्री कालेज बड़कोट, कर्णप्रयाग, द्वाराहाट, टनकपुर, देवीधुरा, लोहाघाट, उत्तरकाशी, बागेश्वर, गैरसैंण, कोटद्वार, खटीमा, अगस्त्यमुनि और चिन्यालीसैंण में छात्रावास की जरूरत देखते हुए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश उच्च शिक्षा निदेशालय को दिए गए हैं। इन प्रस्तावों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: प्रधानाचार्य के रिक्त पद सीधी भर्ती से भरने पर निर्णय नहीं, जानिए वजह

chat bot
आपका साथी