केंद्रीय योजनाओं की धीमी प्रगति पर सचिव नाराज
शहरी विकास निदेशालय की अभिमुखीकरण कार्यशाला के समापन पर शहरी विकास सचिव ने केंद्रीय योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और मॉनिट¨रग कर सुधार लाने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, देहरादून: शहरी विकास निदेशालय की अभिमुखीकरण कार्यशाला के समापन पर शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने केंद्रीय योजनाओं की धीमी प्रगति पर अफसरों के खूब पेच कसे। इस दौरान सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सभी योजनाओं की ठोस मॉनिट¨रग कर सुधार लाया जाए। अन्यथा जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस दौरान अन्य विकास की योजनाओं के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छता अभियान पर फोकस रखने के निर्देश दिए गए।
शहरी विकास निदेशालय की तरफ से राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में बुधवार को प्रदेशभर के मुख्य नगर अधिकारी और अधिशासी अधिकारी शामिल हुए। इस मौके पर शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने केंद्र की पांच महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा करते हुए प्रगति रिपोर्ट देखी। शहरी क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने वाली स्वयं सहायता समूह की प्रगति बेहद खराब रहने पर सचिव ने अफसरों को खूब फटकार लगाई। इस दौरान 53 निकायों में 165 समूह के लक्ष्य में सिर्फ 87 बनाए गए। इसमें भी आधी-अधूरी जानकारी दी गई। सचिव ने समूह क्या कर रहे हैं, उनकी आय के साधन एवं निकाय में उनकी भागीदारी जैसे सवाल पूछे गए। इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच की प्रवृत्ति का उन्मूलन, मैला ढोने, आधुनिक और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि योजनाओं की प्रगति भी संतोषजनक नहीं पाई गई। बताया गया कि व्यक्तिगत शौचालय के 27 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 24 हजार बनाए गए। सामुदायिक और सार्वजनिक के दो हजार में से 986 और सार्वजनिक मूत्रालय के एक हजार के सापेक्ष 185 ही बन पाए। जबकि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 91 निकायों में अभी तक 35 की डीपीआर तैयार हुई है। बैठक में दीनदयाल अंत्योदय योजना, अमृत मिशन, शहरी अवस्थापना विकास योजना आदि के बारे में भी जानकारी ली गई। इस मौके पर अपर निदेशक उदय सिंह राणा, देहरादून के एमएनए विनय शंकर पांडेय, हरिद्वार के आलोक पांडेय, रुड़की के अशोक पांडेय आदि मौजूद रहे। आय और लैंड बैंक पर दिया जोर
शहरी विकास सचिव ने कार्यशाला में उपस्थित ईओ और एमएनए को निर्देश दिए कि नगर क्षेत्र में लैंड बैंक का विशेष ध्यान रखें। खाली और बंजर भूमि को अपने कब्जे में लेकर विकास की योजनाएं बनाएं। इसी तरह निकाय में आय के साधन बढ़ाने की योजनाएं बनाने के भी निर्देश दिए गए। कम्युनिटी ऑर्गेनाइजर होंगे नियुक्त
केंद्रीय योजनाओं की धीमी प्रगति पर अफसरों ने कम्युनिटी ऑर्गेनाइजर न होना बड़ा कारण बताया। हर योजना में इसका प्रावधान होने के बावजूद शहरी विकास निदेशालय ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इस पर सचिव ने कहा कि जल्द इसका प्रस्ताव तैयार कर उनके समक्ष पेश किया जाए। ताकि कम्युनिटी ऑर्गेनाइजर की तैनाती की जा सके। यात्रा रूट के निकाय हो सकते हैं समृद्ध
चारधाम यात्रा रूट और पर्यटन स्थल से लगे निकायों में स्वयं सहायता समूह, स्वरोजगार की योजना आदि से समृद्धि लाई जा सकती है। इसके लिए स्थानीय उत्पादों पर आधारित रोजगार को बढ़ावा दें। ¨रगाल की टोकरी, कपड़े, सजावटी वस्तुएं तैयार कर आउटलेट बनाने को कहा गया। ताकि निकायों को आय और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। इससे जिला और शहर की पहचान भी देश-दुनिया तक पहुंचेगी। ई-नगर सेवा पोर्टल पर दें ध्यान
शहरी विकास सचिव ने कहा कि नव निर्वाचित बोर्ड से अपेक्षा की जाती है कि वह ई-नगर सेवा का लाभ आम नागरिकों को दें। ताकि नागरिकों को प्रमाणपत्र से लेकर निकायों की योजनाओं का लाभ लेने में कोई परेशानी न उठाने पड़े। ऑनलाइन सेवाओं का प्रयोग करने पर कार्मिकों को प्रोत्साहन दें।