उत्‍तराखंड : सचिवालय संघ ने उठाया गोल्डन कार्ड की खामियों का मसला

सचिवालय संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा शुरू की गई गोल्डन कार्ड योजना का लाभ सरकारी कार्मिकों और पेंशनर को नहीं मिल पा रहा है। कोविड से उपचार में यह कार्ड काम नहीं कर रहा है। इसमें अलग-अलग बीमारी के लिए अलग-अलग अस्पतालों को चिह्नित किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 02:05 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 02:05 PM (IST)
उत्‍तराखंड : सचिवालय संघ ने उठाया गोल्डन कार्ड की खामियों का मसला
उत्‍तराखंड : सचिवालय संघ ने उठाया गोल्डन कार्ड की खामियों का मसला।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सचिवालय संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा शुरू की गई गोल्डन कार्ड योजना का लाभ सरकारी कार्मिकों और पेंशनर को नहीं मिल पा रहा है। कोविड से उपचार में यह कार्ड काम नहीं कर रहा है। कारण यह कि इसमें अलग-अलग बीमारी के लिए अलग-अलग अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। कोरोना संक्रमण में मरीज कई बीमारियों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे में अस्पताल उन्हें इसका लाभ नहीं दे रहे हैं।

संघ ने चेताया कि गोल्डन कार्ड की इस खामी के कारण किसी कार्मिक अथवा उनके आश्रित की जानमाल की क्षति होती है तो फिर इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग का होगा।सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव विमल जोशी ने कहा कि जब तक योजना कार्मिकों, पेंशनर और उनके आश्रितों के हित में नहीं हो जाती, तब तक प्रतिमाह की जा रही कटौती को तत्काल बंद कराने तथा चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को लागू कराना संघ का मुख्य एजेंडा रहेगा। आरोप लगाया गया कि तीन माह से इस योजना के तहत अंशदान में कटौती की जा रही है।

इससे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को प्रतिमाह 15 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं। पिछले तीन माह से प्राधिकरण को इससे 45 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, बावजूद इसके कर्मचारियों व पेंशनर को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। संघ सभी कर्मचारियों के अंशदान का समायोजन करने की मांग करेगा, तब तक किसी भी प्रकार की कटौती स्वीकार्य नहीं होगी।

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