पहल: अब बेकार नहीं जाएगा स्त्रोत से निकलने वाला पानी
विकासनगर उत्तर प्रदेश बार्डर की दर्रारीट चेकपोस्ट पर पानी की किल्लत का समाधान वन दारोगा जेपी नौटियाल ने निकाला है। उन्होंने यहां स्श्रोत से निकलने वाले पानी के संरक्षण के लिए एक टैंक बनवाया।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: उत्तर प्रदेश बार्डर की दर्रारीट चेकपोस्ट पर पानी की किल्लत का समाधान करने को वन दरोगा ने पहल की है। बार्डर की वन चौकी पर तैनात एक वन दारोगा ने सड़क के पास स्थित एक छोटे से स्त्रोत से निकलने वाले पानी को एकत्रित करने के लिए टैंक का निर्माण कराया है। उनकी यह कोशिश कितनी कारगर साबित होगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन पानी के एकत्र होने से समस्या कुछ हद तक जरूर कम हो जाएगी।
उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाला दर्रारीट क्षेत्र पहाड़ में स्थित होने के बावजूद पानी की किल्लत से जूझ रहा है। यहां पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है। हैंडपंप या फिर कोई अन्य सुविधा नहीं होने के चलते यहां गंभीर पेयजल संकट है। इस समस्या से निजात दिलाने की पहल की है वन दारोगा जेपी नौटियाल ने। उन्होंने बार्डर पर स्थित पुलिस चेकपोस्ट के पास से होकर गुजरने वाले दिल्ली-यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे के एक स्त्रोत से निकल रहे पानी के संरक्षण का प्रयास किया है। यह पानी बरसों से सड़क के आसपास फैला रहता है, जिसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा था। बार्डर की वन चौकी पर तैनात वन दरोगा जेपी नौटियाल की सूझबूझ से अब यह पानी बार्डर पर तैनात रहने वाले पुलिस कर्मियों व अन्य आवाजाही करने वालों के लिए काम आ सकेगा। फिल्हाल क्षेत्र में सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसी दौरान की गई नींव की खुदाई में स्त्रोत की भी खुदाई की गई। स्त्रोत को देखकर वन दरोगा ने इसके पानी को एकत्रित करने का प्लान बनाया। उन्होंने पुश्ते बना रहे ठेकेदारों से सहायता लेकर स्त्रोत के ऊपर एक टैंक का निर्माण करा लिया। उनका कहना है कि टैंक बन जाने से अब यह पानी सड़क पर फैलकर नष्ट नहीं हो सकेगा। एकत्रित होने वाले पानी को दैनिक आवश्यकताओं के लिए प्रयोग में लाने के साथ आसपास के जंगल में मौजूद पशु-पक्षी भी पानी से अपनी प्यास बुझा सकेंगे। स्त्रोत के पानी को एकत्रित करने के उनके इस प्रयास को काफी सराहा जा रहा है।