माता-पिता और भाई-बहन की मौत के बाद अकेला बचा अतुल

चंदराम राजगुरु त्यूणी गुरुवार का दिन देवघार खत के बानपुर निवासी एक किसान परिवार पर काल बनकर टूट पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:58 PM (IST)
माता-पिता और भाई-बहन की मौत के बाद अकेला बचा अतुल
माता-पिता और भाई-बहन की मौत के बाद अकेला बचा अतुल

चंदराम राजगुरु, त्यूणी:

गुरुवार का दिन देवघार खत के बानपुर निवासी एक किसान परिवार पर काल बनकर टूट पड़ा। जिस घर में कल तक हंसी-खुशी का माहौल था, वहां अब चारों तरफ सन्नाटा पसर गया। अगर कुछ बचा है तो सिर्फ बेबसी और लाचारी के आंसू, जिसे पोछने वाला भी कोई नहीं है। परिवार के छह सदस्यों की एक साथ दर्दनाक मौत के बाद घर में सिर्फ एकमात्र पुत्र बचा है अतुल, जिसके सिर से माता-पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। ऐसे में उसका भविष्य क्या होगा यह बात हर किसी के जेहन में है।

हादसे के शिकार संजय गांव में खेती-बागवानी का काम कर किसी तरह अपने घर-परिवार का गुजारा चलाते थे। परिवार में उनकी पत्नी बबली देवी खेती के काम में हाथ बटाती थीं। उनकी बड़ी पुत्री आंचल ने इस बार पंडित शिवराम राजकीय महाविद्यालय त्यूणी में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था, जबकि पुत्र अतुल देहरादून में पालिटेक्निक की पढ़ाई कर रहा है। सबसे छोटा पुत्र निखिल सातवीं कक्षा में पढ़ रहा था। गुरुवार सुबह संजय पत्नी बबली देवी, पुत्री आंचल, पुत्र निखिल और साला अमित के साथ अपने भतीजे जगदीश की नई अल्टो कार से सवार होकर पंद्राणू से बानपुर गांव स्थित सेब बगीचे में घास काटने जा रहे थे। इस दौरान पंद्राणू से तीन किमी आगे चलकर कार अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई, जिससे कार सवार सभी छह सदस्य अकाल मौत के मुंह में समा गए। कलेजे को चीर देने वाली इस घटना का खौफनाक मंजर देख सभी की आंखें नम हो गई। हर तरफ चीख-पुकार सुनकर लोगों की रूह कांप उठी। हंसी-खुशी से रहने वाले किसान परिवार में पूरी तरह सन्नाटा पसर गया। घर में सिर्फ अकेला बेटा अतुल बचा है, जिसका आंसू पोछने वाला कोई नहीं है। अपनों को हमेशा के लिए खोने का गम उसे जीवन भर सालता रहेगा। बानपुर निवासी सामाजिक कार्यकत्र्ता अनिल रावत ने कहा कि परिवार में संजय के अलावा कोई दूसरा कमाने वाला नहीं था। हादसे में संजय और परिवार के अन्य सदस्यों की अकाल मौत होने से घर में अकेले बचे अतुल की परवरिश कैसे होगी यह बड़ी चुनौती है।

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पंद्राणू में एक साथ जली छह चिताएं

बानपुर मार्ग पर हुए कार हादसे में परिवार के छह सदस्यों की एक साथ अकाल मौत होने से सीमांत क्षेत्र में शोक की लहर है। स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे के शिकार हुए परिवार के छह सदस्यों की चिताएं पंद्राणू के पास पावर नदी के तट पर एक साथ जलाई। चिताओं से उठती आग की लपटें देख सभी की आंखें भर आई। परिवार में एकमात्र बचे बेटे अतुल को हर कोई ढाढस बंधाने में जुटा रहा।

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दुर्घटना से हो रही बानपुर मार्ग की पहचान

पीएमजीएसवाई से बने देवघार खत के सीमांत गांव को जोड़ने वाले बानपुर मार्ग की मौजूदा स्थिति बेहद खराब है। वर्ष 2019 में बानपुर निवासी सीआइएसएफ के उप निरीक्षक पवन नेगी परिवार समेत इस सड़क पर हादसे के शिकार हुए। अब गुरुवार को संजय परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ इस सड़क से गुजरे तो उन्हें जान गंवानी पड़ी। इस मार्ग पर हुए दो अलग-अलग कार हादसे में कुल 12 ग्रामीण परिवारों की अकाल मौत हो गई। नौ किमी लंबे इस मार्ग पर जगह-जगह बरसाती मलबा जमा होने से सड़क की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। वहीं घटिया निर्माण कार्य के चलते कमजोर पैराफिट और संकरा होने की वजह से यहां हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने के बाद भी विभागीय अधिकारी सड़क सुधारीकरण की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते दुर्घटना में राहगीरों की जान जा रही है।

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परिवार के छह सदस्यों की लाश देख मचने लगी चीख पुकार

पंद्राणू से बानपुर जा रहे एक परिवार के छह सदस्यों की मौत की सूचना से समूचे क्षेत्र में लोग स्तब्ध रह गए। हादसे की स्थिति और मृतकों को देखकर चीख पुकार मचने लगी। प्रभारी तहसीलदार जितेंद्र सिंह नेगी और थानाध्यक्ष संदीप पंवार ने कहा कि शुरुआती जांच में स्थानीय ग्रामीणों से पता चला कि संजय और परिवार के अन्य लोग बानपुर गांव के पास स्थित अपने सेब बगीचे में घास काटने जा रहे थे। इस दौरान वह सड़क हादसे का शिकार हो गए। प्रभारी तहसीलदार ने घटना के संबंध में जिला प्रशासन को जांच रिपोर्ट प्रेषित की है। वहीं, घटना पर चकराता विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राज्य एसटी आयोग के चेयरमैन मूरतराम शर्मा, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत चमन सिंह, ब्लाक प्रमुख निधि राणा, चकराता ब्लाक प्रधान संगठन के महासचिव हरीश राजगुरु, ब्लाक कांग्रेस कमेटी त्यूणी के अध्यक्ष लायकराम शर्मा और बानपुर निवासी सामाजिक कार्यकत्र्ता अनिल रावत समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने गहरा दुख जताया है।

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तीन वर्ष के बीच हुए दो हादसों ने लील ली 12 जिंदगी

बानपुर मार्ग पर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से वर्ष 2019 की घटना एक बार फिर से ताजा हो गई। कार अनियंत्रित होने से जिस तरह बानपुर निवासी संजय परिवार समेत काल के गाल में समा गए। इसी तरह दो वर्ष पूर्व इसी गांव के निवासी सीआइएसएफ के उप निरीक्षक पवन नेगी भी परिवार समेत हादसे के शिकार हो गए थे। कार में सवार होकर वह परिवार के साथ घर से विकासनगर जा रहे थे, उस समय सड़क हादसे में पवन नेगी समेत परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई थी। दोनों हादसे के शिकार लोग एक जगह के निवासी, वजह भी वहीं और मृतकों की संख्या भी समान इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा के दौरान ग्रामीणों की रूह कांप उठी। दो वर्ष के बीच इन दो घटनाओं में बानपुर मार्ग ने कुल 12 व्यक्तियों को लील लिया।

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