योग से जीवन को निरोग बना रहीं हैं जौनसार की नीलम चौहान, पढ़िए पूरी खबर

अपनी खुशियों के लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जो दूसरों के जीवन में खुशियों के रंग भर दे वह बेमिसाल है। इसी सोच व उमंग के साथ जौनसार की बेटी योगाचार्य नीलम चौहान योग शिक्षा के जरिए जीवन को निरोग बना रही हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 03:48 PM (IST)
योग से जीवन को निरोग बना रहीं हैं जौनसार की नीलम चौहान, पढ़िए पूरी खबर
योगा का प्रशिक्षण देतीं जौनसार की बेटी योगाचार्य नीलम चौहान।

चकराता (देहरादून), चंदराम राजगुरु। अपनी खुशियों के लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जो दूसरों के जीवन में खुशियों के रंग भर दे वह बेमिसाल है। इसी सोच व उमंग के साथ जौनसार की बेटी योगाचार्य नीलम चौहान योग शिक्षा के जरिए जीवन को निरोग बना रही हैं। कोरोनाकाल में भी वह योग के जरिए जीवन में ऊर्जा का संचार कर रही हैं। योग क्रिया में निपुण नीलम पिछले छह साल में सैकड़ों साधकों को योगाभ्यास कराने के साथ खुद की राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान बनाने में भी सफल रहीं। किसान की बेटी ने अपनी प्रतिभा से न केवल स्वयं या परिवार का बल्कि क्षेत्र का भी मान बढ़ाया है।

करें योग, रहें निरोग मंत्र के साथ जनजाति क्षेत्र जौनसार के बजऊ गांव की निवासी योगाचार्य नीलम चौहान अपने मिशन पर आगे बढ़ते हुए समाज को योग से जुडऩे के लिए लगातार प्रेरित करती हैं। कोविड-19 के संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इस महामारी से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को सही खानपान व नियमित योग सबसे महत्वपूर्ण है। योगाचार्य नीलम ने इस विपरीत परिस्थिति में भी सराहनीय पहल की। उन्होंने सैकड़ों व्यक्तियों को शारीरिक रूप से फिट रखने को ऑनलाइन योगा क्लास के जरिए योगाभ्यास कराया। जौनसार-बावर के खत शैली से जुड़े बजऊ निवासी सरदार सिंह चौहान की प्रतिभावान बेटी नीलम का पूरा परिवार खेती किसानी से जुड़ा है। छह भाई-बहनों में नीलम सबसे छोटी हैं।

योग शिक्षा में भी है नीलम का बेहतर योगदान 

पिछले छह वर्षों से योग शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों का संचालन कर रही नीलम वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर से पीजी डिप्लोमा व योगा की मास्टर डिग्री हासिल की। देहरादून, विकासनगर व डाकपत्थर के कई शिक्षण संस्थानों में निश्शुल्क कैंप लगाकर अब तक उन्होंने सैकड़ों छात्र-छात्राओं को योग से जोड़ा है। नीलम ने एक वर्ष देहरादून व हरिद्वार संस्थान से जुड़कर भी इस दिशा में कार्य किया। वर्तमान में वह दून योगपीठ संस्थान देहरादून में योगाचार्य है।

योगाचार्य के रूप में हासिल किया खिताब

जून-2019 को नीलम ने दुबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग कर अप्रवासी भारतीयों को एक माह तक योग-ध्यान का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने वर्ष 2015 में कर्नाटक के मंगलूर में आयोजित राष्ट्रीय योग महोत्सव में भी प्रतिभाग किया। इस महोत्सव में देशभर से आए दो सौ से अधिक योगाचार्यों के बीच उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। वहीं योग शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने नीलम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। वोकल एप पर एक्सपर्ट के रूप में नीलम की ऑलइंडिया में 20 वीं रैंक है। वह उत्तराखंड में योग एसोसिएशन में रेफरी हैं। वर्ष 2020 में नीलम ने मिस्टर योगी व मिस्टर योगिनी उत्तराखंड टाइटल का पुरस्कार भी जीता। उत्तराखंड योग रत्न दून योग महोत्सव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में नीलम जज की भूमिका में रहीं। वर्तमान में वह स्पा के नाम से योगा प्रोडक्शन का संचालन करती हैं।

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योग के मूल लक्ष्य को जाने

योगाचार्य नीलम ने कहा कि योग से शरीर का संतुलन, मन की एकाग्रता, श्वास पर नियंत्रण व चेतना की प्राप्ति होती है। जीवन में योग नितांत आवश्यक है। योग जड़ कोशिकाओं को चैतन्य बनाता है। इसके जरिए मनुष्य की कार्य क्षमता कई गुना गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इससे आध्यात्मिक शांति व नई ऊर्जा का संचार होता है। कहा कि भारतीय संस्कृति की प्राचीन कालीन योग शिक्षा के महत्व को दुनिया ने जाना व समझा। योग शरीर, मन व भावना को संतुलित कर जीवन में सामंजस्य स्थापित करने का साधन है। 

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