संजय झील बायोडायवर्सिटी के रूप में होगी विकसित, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने किया संजय झील का निरीक्षण
प्राकृतिक नदी रंभा में स्थित संजय झील के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रमुख वन संरक्षक (होफ) राजीव भरतरी ने यहां का निरीक्षण किया। डीएफओ देहरादून को उन्होंने इस क्षेत्र को बायोडायवर्सिटी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव अतिशीघ्र भेजने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्राकृतिक नदी रंभा में स्थित संजय झील के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने निरीक्षण किया। डीएफओ देहरादून को उन्होंने इस क्षेत्र को बायोडायवर्सिटी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव जल्द भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संजय झील क्षेत्र में पर्यटकों के लिए बर्ड वाङ्क्षचग ट्रेल भी बनाई जाएगी।
हरिद्वार मार्ग पर स्थित संजय झील के सौंदर्यीकरण और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की बात पिछले दो दशक से हो रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत ने इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की थी। गुरुवार को संजय झील के निरीक्षण के दौरान प्रमुख वन संरक्षक ने इस समूचे क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सभी संभावनाओं को अनुकूल पाया। मौके पर उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र को बायोडायर्सिटी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि यहां की वनस्पति, प्राकृतिक जल स्रोत और पशु पक्षी का पूरी तरह से संरक्षण हो।
उन्होंने कहा कि संजय झील क्षेत्र पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन सकता है। प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने उन्हें अवगत कराया कि संजय झील 14 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इसके छह हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक झील बनी है। प्रमुख वन संरक्षक ने कहा कि प्रथम चरण में छह हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उसके बाद शेष क्षेत्र को विकसित करने के प्रस्ताव पर कार्य किया जाए। उन्होंने एक माह के भीतर इस योजना पर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। इस मौके पर वन संरक्षक अखिलेश तिवारी, रेंज अधिकारी महेंद्र ङ्क्षसह रावत आदि भी मौजूद रहे।
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