पांच साल से मुआवजे के लिए भटक रहे ग्रामीण
कालसी दमन-देसऊ मोटर मार्ग के कटिग कार्य से कृषि भूमि बगीचे और खेत खलियान तबाह हो गये। ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर पिछले पांच साल से भटक रहे हैं।
संवाद सूत्र, कालसी: दमन-देसऊ मोटर मार्ग के कटिग कार्य से कृषि भूमि, बगीचे और खेत खलियान तबाह होने के पांच साल बाद भी किसानों और ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला। प्रभावित ग्रामीण पीएमजीएसवाई कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुके हैं। अब ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी व्यथा सुनाई।
प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना कार्यालय कलसी की ओर से दमन-देसऊ मोटर मार्ग कटिग कार्य वर्ष 2016-17 में कराया था। 13 किलोमीटर मोटर मार्ग के निर्माण के दौरान कृषि भूमि, बगीचे, खेत खलिहान, सार्वजनिक रास्ते, पाइपलाइन तबाह हो गए थे, जिस संबंध में विभाग ने उस समय आश्वासन दिया था कि ग्रामीणों को जल्द ही मुआवजा मिलेगा, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी स्थानीय ग्रामीण मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीण विजय राम व स्याना प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि विभाग ने डंपिग जोन बनाकर मलबा डाला होता तो यह समस्या न होती। विजय राम का कहना है कि उनके मिऊडा खेड़ा में आठ बीघा कृषि भूमि, बगीचा और पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई थी। कई बार विभाग से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके खेतों में टमाटर, अदरक, मटर, मक्का समेत नगदी फसलें मलबे में दबकर तबाह हुई थी, लेकिन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण सीताराम, बलवीर, प्रेम सिंह, संतराम, शांति राम, अतर सिंह आदि ने जल्द मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर, उपजिलाधिकारी कालसी संगीता कनौजिया का कहना है कि इस संबंध में संबंधित अधिशासी अभियंता से वार्ता कर मुआवजा दिलाए जाने की कार्रवाई की जाएगी।