देहरादून में बाजार में दो गज की दूरी की उड़ी धज्जियां, पढ़िए पूरी खबर
सोमवार सुबह बाजार खुलते ही खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। जनता को ऐसा लगा कि मानो इसके बाद सामान ही नहीं मिल पाएगा। इस हड़बड़ाहट में न तो किसी ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया और न ही संक्रमण फैलने की चिंता की।
जागरण संवाददाता, देहरादून। सोमवार सुबह बाजार खुलते ही खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। जनता को ऐसा लगा कि मानो इसके बाद सामान ही नहीं मिल पाएगा। इस हड़बड़ाहट में न तो किसी ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया और न ही संक्रमण फैलने की चिंता की। हालांकि कई स्थानों पर पुलिस उन्हें दूर खड़े होने को कहती रही, मगर भीड़ इतनी अधिक थी कि मानकों की धज्जियां उड़ गईं। न खरीदारों ने और न ही दुकानदारों ने इसकी परवाह की।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से चिंतित सरकार ने 18 मई तक सख्त कोविड कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। इस बीच जरूरत के सामान की खरीदारी करने के लिए आम जन को सोमवार को दोपहर एक बजे तक का समय दिया गया। इस दौरान फल, दूध, सब्जी, किराना की दुकानों को सुबह सात बजे से लोग पहुंचने लगे। आढ़त बाजार, धामावाला, दर्शनी गेट, सरनीमल बाजार, झंडा बाजार, रामलीला बाजार में सबसे अधिक भीड़ देखी गई।
11 बजे के करीब आढ़त बाजार व सहारनपुर चौक पर जाम लग गया। नवादा, नेहरू कालोनी, बंजारावाला, धर्मपुर, कारगी चौक, आइएसबीटी, मोहब्बेवाला, पंडितवाड़ी, माजरा मंडी, प्रेमनगर, खुड़बुड़ा मोहल्ला आदि बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने वालों की भीड़ जुटी रही और शारीरिक दूरी नियम की पूरी तरह धज्जियां उड़ाई गई।
अनिल गोयल (संरक्षक दून उद्योग व्यापार मंडल) का कहना है कि राज्य सरकार को 15 दिनों का संपूर्ण कफ्यरू लागू करना चाहिए। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार चिंता बढ़ाने वाली है। कोविड कफ्यरू में सरकार केवल मेडिकल स्टोर को दो घंटे खोलने की अनुमति दे। बाकी राशन व अन्य आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जाए। आमजन का घरों से बाहर निकलना पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए। तभी हालात सुधर सकते हैं।सुनील कुमार बांगा (अध्यक्ष महानगर दून व्यापार प्रकोष्ठ) का कहना है कि प्रदेश सरकार ने मंगलवार से एक सप्ताह का जो सख्त कोविड कफ्यरू लागू किया है, वह स्वागत योग्य कदम है। सोमवार को बाजार में उमड़ी भीड़ चिंता बढ़ाने वाली है। आमजन को दो गज की दूरी व मास्क पहनने की आदत खुद डालनी होगी। फल, सब्जी व किराना की दुकानें प्रतिदिन सुबह खुलेंगी तो फिर आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी की जरूरत कहां पड़ रही है।
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