बसों की खरीद के साथ कंडक्टरों की कमी होगी दूर

परिवहन निगम के बस बेड़े में जल्द ही तीन सौ नई बसों के जुड़ने की राह साफ होने की संभावनाएं जगी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 08:12 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 08:12 PM (IST)
बसों की खरीद के साथ कंडक्टरों की कमी होगी दूर
बसों की खरीद के साथ कंडक्टरों की कमी होगी दूर

राज्य ब्यूरो, देहरादून: परिवहन निगम के बस बेड़े में जल्द ही तीन सौ नई बसों के जुड़ने की राह साफ होने की संभावनाएं जगी हैं। सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा के बाद मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा निगम में संविदा पर कंडक्टरों की भर्ती पर लगी रोक हटाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है।

परिवहन निगम के बस बेड़े में कई बसें अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। यानी ये बसें संचालन की निर्धारित अवधि को पूरा कर चुकी हैं। परिवहन निगम के पास अभी 1290 बसों का बस बेड़ा है। इसमें साधारण, जेएनएनयूआरएम के तहत आई बसें, सेमी डीलक्स, डीलक्स, एसी व वॉल्वों बसें शामिल हैं। इन बसों में से तकरीबन 300 बसें अब अपने उम्र के मानकों को पूरा कर चुकी हैं। इन बसों को बस बेड़े से बाहर किया जाना है। इसके लिए परिवहन निगम 300 नई बसों को खरीदने की तैयारी कर रहा है। अब क्योंकि ये बसें सरकार की मदद से खरीदी जानी हैं, तो इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी मिलनी जरूरी है। अगले माह से लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने की संभावना है, ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसे लाया जा सकता है। निगम का एक और अहम मसला कंडक्टरों की भर्ती से जुड़ा है। निगम को दो वर्ष पूर्व 424 कंडक्टरों को संविदा के आधार पर भर्ती करने की अनुमति मिल चुकी थी। यह मामला कोर्ट में भी गया। बीते वर्ष यानी अप्रैल 2018 में परिवहन निगम ने लिखित परीक्षा में सफल 367 अभ्यर्थियों को देहरादून, नैनीताल व टनकपुर मंडल में भर्ती करने प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इस बीच संविदा कर्मियों के मसले पर हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में शासन ने अप्रैल के अंत में ही सभी विभागों में संविदा भर्ती पर रोक लगा दी थी। तब से ही यह रोक प्रभावी है। इसके बाद से ही परिवहन निगम शासन से लगातार इन पदों पर भर्ती की अनुमति देने का अनुरोध कर रहा है। अब यह मसला कैबिनेट में रखने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है।

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