उत्तराखंड: रोडवेज मुख्यालय की सख्ती भी बेअसर, जारी रहा धरना-प्रदर्शन

वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारियों के आंदोलन के सामने रोडवेज मुख्यालय की सख्ती भी बेअसर साबित हो रही है। एक रोज पहले ही मुख्यालय ने आंदोलन करने वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज करने और इससे होने वाली आर्थिक हानि की रिकवरी कर्मचारियों से करने के आदेश दिए थे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:04 AM (IST)
उत्तराखंड: रोडवेज मुख्यालय की सख्ती भी बेअसर, जारी रहा धरना-प्रदर्शन
रोडवेज मुख्यालय की सख्ती भी बेअसर, जारी रहा धरना-प्रदर्शन।

देहरादून, जेएनएन। वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारियों के आंदोलन के सामने रोडवेज मुख्यालय की सख्ती भी बेअसर साबित हो रही है। एक रोज पहले ही मुख्यालय ने आंदोलन करने वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज करने और इससे होने वाली आर्थिक हानि की रिकवरी कर्मचारियों से करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन का प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। इससे न सिर्फ बस संचालन प्रभावित हुआ, बल्कि प्रशासनिक कार्य पर भी असर पड़ा। कर्मचारी जिद पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, आंदोलन खत्म नहीं होगा। 

रोडवेज की आर्थिक हालात इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि प्रबंधन बीते चार माह से कर्मचारियों को वेतन उपलब्ध नहीं करा पाया है। जून से सितंबर तक का वेतन लंबित है और अगले एक हफ्ते बाद मुख्यालय पर अक्टूबर का भी वेतन लंबित हो जाएगा। त्योहारी सीजन के साथ ही अन्य खर्चे होने से कर्मचारियों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो चुका है। स्थिति ऐसी है कि मौजूदा कर्मचारियों का वेतन देना तो दूर, रोडवेज प्रबंधन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और लंबित देयकों का भुगतान भी नहीं कर पा रहा। इससे आजिज आकर कर्मचारी आंदोलन पर विवश हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वेतन का हल निकालने के लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को कमान सौंपी हुई है। 

इस मामले में गुरुवार को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में फैसला हुआ था कि सरकार रोडवेज को फिलहाल 14 करोड़ रुपए की मदद और देगी। एक हफ्ते में यह धनराशि रोडवेज को देने के आदेश दिए गए हैं। इसमें कुछ धनराशि रोडवेज प्रबंधन खुद मिलाकर कर्मचारियों को जून का वेतन देने की तैयारी कर रहा है। रोडवेज को हर माह वेतन के लिए 20 से 22 करोड़ रुपए की जरूरत होती है। इधर, रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन आंदोलन से पीछे हटने को राजी नहीं।

हाईकोर्ट के आदेशानुसार अनुबंध नवीनीकरण ना कराने वाले संविदा चालक और परिचालकों को कार्य पर लेने और उनका अप्रैल से लंबित वेतन देने की मांग पर यूनियन पिछले तीन दिन से प्रदेशभर में आंदोलन कर रही है। यूनियन की मांग है की पिछले चार माह का वेतन जल्द जारी किया जाए और प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाए। मांगों को लेकर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र भगत, महामंत्री रविनंदन कुमार समेत दर्जनों कर्मचारियों ने शुक्रवार को आइएसबीटी पर धरना-प्रदर्शन किया। वहीं, यूनियन की मंडल इकाई ने हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला और पर्वतीय डिपो पर प्रदर्शन किया।

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