खतरे की घंटी बनी दून की सड़कें, मरम्मत शुरू होने के बाद भी बना है खतरा

दून में सड़क के गड्ढों के खतरे अभी भी कम नहीं हुए है। कोर जोन के कुछ हिस्से में जरूर पैचवर्क किया, मगर बाहरी क्षेत्र और हाईवे के गड्डे अभी भी दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 12:32 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 08:58 AM (IST)
खतरे की घंटी बनी दून की सड़कें, मरम्मत शुरू होने के बाद भी बना है खतरा
खतरे की घंटी बनी दून की सड़कें, मरम्मत शुरू होने के बाद भी बना है खतरा

देहरादून, [जेएनएन]: दून में सड़क के गड्ढों के खतरे अभी भी कम नहीं हुए है। लोक निर्माण विभाग ने विधानसभा सत्र के चलते कोर जोन के कुछ हिस्से में जरूर पैचवर्क किया, मगर बाहरी क्षेत्र और हाईवे के गड्डे अभी भी दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। खासकर बारिश थमने के बाद उठने वाले धूल के गुब्बार लोगों को परेशानी का सबब बने हुए हैं। 

राजधानी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर संपर्क सड़कें। सभी पर गड्ढों की भरमार हैं। स्थिति यह है कि डाटकाली सुरंग से लेकर आइएसबीटी और आइएसबीटी से रिस्पना पुल तक 10 किमी के क्षेत्र में 600 गड्ढे बने हुए हैं। अकेले आइएसबीटी से रिस्पना के बीच साढ़े तीन किमी में 380 गड्ढे हैं। इस सड़क पर  सफर करना दुर्घटना को न्योता देना साबित हो रहा है। 

कुछ जगह गड्ढों को भरने के लिए लाल ईंटे बिछाने के बाद विभाग ने जिम्मेदारी से इतिश्री कर दी हैं। इसी तरह चकराता रोड, रिंग रोड, रायपुर रोड और सहस्रधारा रोड में भी जगह-जगह सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं। हालांकि शहर के प्रिंस चौक और हरिद्वार रोड पर कुछ हिस्से में पैच वर्क का काम शुरू हो गया है। लेकिन यहां भी सुरक्षित सड़क बनने में अभी समय लगेगा। 

बारिश थमने के बाद होगी मरम्मत 

लोनिवि के अधीक्षण अभियंता आरसी अग्रवाल के मुताबिक बारिश थमने के बाद सड़कों के गड्ढों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग टीमें बनाकर काम चल रहा है। पैचवर्क के बाद पेटिंग का कार्य तेज किया जाएगा। 

नकली हेलमेट बिक्री रोकने को बनेंगे विशेष दल

प्रदेश सरकार ने बाजारों में नकली हेलमेट की बिक्री पर चिंता जताई है। ऐसे हेलमेट की बिक्री रोकने के लिए परिवहन विभाग विशेष दल गठित करेगा। इतना ही नहीं, प्रदेश में केवल आइएसआइ मार्का हेलमेट की बिक्री अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। 

प्रदेश के भीतर दो पहिया वाहनों में अब चालक और सवारी के लिए डबल हेलमेट अनिवार्य किया गया है। इससे हेलमेट की बिक्री तेजी से बढ़ी है। इसका फायदा उठाते हुए जगह-जगह कम गुणवत्ता के नकली हेलमेट बेचे जा रहे हैं। 

सदन में प्रश्नकाल काल के दौरान विधायक ममता राकेश ने प्रदेश में नकली हेलमेट की बिक्री के कारण हो रही जान माल की क्षति का सवाल उठाया। इसका जवाब देते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में वैसे तो नकली हेलमेट बिक्री की कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में नकली हेलमेट की बिक्री की रोकथाम को विशेष दल बनाया जाएगा।

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