उत्तराखंड-हिमाचल में सतत विकास के लिए रोडमैप तैयार, दो दिवसीय संगोष्ठी में जुड़े बुद्धिजीवी

भारतीय सेना की मध्य कमान ने मध्य क्षेत्र में अवस्थापना विकास पर क्लेमेनटाउन स्थित गोल्डन-की डिवीजन में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में सतत अवस्थापना विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:35 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:35 PM (IST)
उत्तराखंड-हिमाचल में सतत विकास के लिए रोडमैप तैयार, दो दिवसीय संगोष्ठी में जुड़े बुद्धिजीवी
भारतीय सेना की मध्य कमान ने मध्य क्षेत्र में अवस्थापना विकास पर गोल्डन-की डिवीजन में संगोष्ठी का आयोजन किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय सेना की मध्य कमान ने मध्य क्षेत्र में अवस्थापना विकास पर क्लेमेनटाउन स्थित गोल्डन-की डिवीजन में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें सेना एवं सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा आइआइटी रुड़की, एफआरआइ, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी, वाडिया हिमालयन भूगर्भ संस्थान व यूपीईएस के भूगर्भशास्त्री, विज्ञानी, इंजीनियर, बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में सतत अवस्थापना विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया।

शुक्रवार को संगोष्ठी के समापन पर मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने सभी प्रतिभागियों के साथ अपने विचार साझा किए। वहीं, छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल कैप्टन डा. शेखर दत्त, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग से डा. रजत चैटर्जी, और आइआइटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. कमल जैन ने भी विचार रखे।

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इस दौरान हिमालयन भूगर्भीय ढांचागत विकास परियोजनाओं पर सघन चर्चा की गई। दोनों सीमावर्ती राज्यों के संपूर्ण विकास पर विशेष रूप से जोर दिया गया। चर्चा के दौरान निकल कर आए बिंदुओं के माध्यम से आने वाले समय में सिविल सैन्य सहयोग में बढ़ोतरी होगी। जिससे संपूर्ण प्रशासनिक दृष्टिकोण के आधार पर क्षेत्र का सतत विकास होगा। इस संगोष्ठी ने भविष्य में इस प्रकार की और चर्चाओं के लिए संभावनाओं के द्वार भी खोल दिए हैं। जिससे आगे चलकर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साझा प्रयास से राष्ट्रीय संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग को बढ़ावा मिल सकेगा।

 पैरा बैडमिंटन टीम का चयन ट्रायल 30 को

चौथी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में प्रतिभाग के लिए उत्तराखंड की पैरा बैडमिंटन टीम का चयन 30 नवंबर को किया जाएगा। पैरालिंपिक एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के सचिव प्रेम कुमार ने बताया कि ओडिशा में चौथी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप का आयोजन होना है। टीम चयन के लिए ट्रायल 30 नवंबर को दून में परेड ग्राउंड और श्री स्पोट्र्स एकेडमी में होगा। ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए खिलाडिय़ों को आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र के साथ दिव्यांग प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है।

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