उत्‍तराखंड में तीन साल से नहीं हुआ सड़कों का सुरक्षा आडिट, पढ़ि‍ए पूरी खबर

प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं लेकिन संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2019 के बाद सड़क सुरक्षा आडिट ही नहीं हुआ है। इससे दुर्घटना संभावित स्थलों के रखरखाव को लेकर कार्ययोजना नहीं बन पा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:52 PM (IST)
उत्‍तराखंड में तीन साल से नहीं हुआ सड़कों का सुरक्षा आडिट, पढ़ि‍ए पूरी खबर
सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं लेकिन संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं लेकिन संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। स्थिति यह है कि प्रदेश में वर्ष 2019 के बाद सड़क सुरक्षा आडिट ही नहीं हुआ है। इससे ब्लैक स्पाट एवं दुर्घटना संभावित स्थलों के रखरखाव को लेकर कार्ययोजना नहीं बन पा रही है।

प्रदेश में बढ़ती हुई दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा परिषद समय-समय पर दिशा निर्देश जारी करती है। परिषद की वर्ष 2017 में हुई बैठक में यह बात सामने आई कि खराब व बदहाल सड़कें दुर्घटनाओं का एक अहम कारण हैं। सड़कों पर गड्ढे, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क किनारे सुरक्षा दीवार व पैराफिट आदि के न होने से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। यहां तक कि सड़कों पर लेन मार्किंग न होना भी दुर्घटना का कारण बन रहा है।

इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि लोक निर्माण विभाग प्रदेश की सभी सड़कों का रोड सेफ्टी आडिट करेगा। ऑडिट रिपोर्ट में उजागर की गई खामियों को दुरुस्त करने के लिए सड़क सुरक्षा कोष से धन की व्यवस्था की जाएगी। रोड सेफ्टी के लिए लोक निर्माण विभाग अधिकारियों की भर्ती करेगा। विभाग को रोड आडिट करने का लक्ष्य भी दिया गया। इसके तहत वर्ष 2018 में विभाग को तीन हजार, वर्ष 2019 में पांच हजार और वर्ष 2020 में चार हजार किमी का रोड सेफ्टी ऑडिट करना था।

देश में चिह्नित 124 ब्लैक स्पॉट के साथ ही अन्य संभावित दुर्घटना स्थलों का निरीक्षण कर इन्हें दुरुस्त करने के संबंध में जानकारी देना भी था। हाल ही में हुई सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में यह बात सामने आई कि लोक निर्माण विभाग की कुल 12299.34 किमी सड़कों का आडिट करना था।

इस कड़ी में विभाग ने वर्ष 2017 में 1380 किमी सड़कों का आडिट किया। वर्ष 2018 में 3130 किमी सड़कों का आडिट किया गया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने 2019, 2020 और 2021 में सड़कों का आडिट किया ही नहीं। प्रदेश में कुल 32 फीसद सड़कों का ही आडिट हो पाया है। अभी 7788 किमी लंबी सड़कों का आडिट होना बाकी है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए लोक निर्माण विभाग को जल्द शेष सड़कों का आडिट करने के निर्देश दिए हैं।

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