मलबा आने से कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग बंद

बरसात में भूस्खलन होने पर कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग रविवार सुबह नौ बजे कासली-बैराटखाई मार्ग बाधित हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Aug 2018 09:43 PM (IST) Updated:Sun, 26 Aug 2018 09:43 PM (IST)
मलबा आने से कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग बंद
मलबा आने से कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग बंद

संवाद सूत्र, कालसी: बरसात में भूस्खलन होने पर कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग रविवार सुबह नौ बजे बाधित हो गया। रक्षाबंधन की छुट्टी के कारण मार्ग से मलबा नहीं हटाया जा सका। जिस कारण बंद मार्ग देर रात तक भी नहीं खुल पाया। मार्ग बंद होने के कारण 12 दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण गांवों में कैद हो गए। मुख्य मार्ग बंद होने पर बहनें रक्षाबंधन पर भाइयों के घर नहीं जा पाई और निराश ही वापस लौट गई। थैना के महासू चालदा मंदिर में दर्शनार्थ जाने वाले श्रद्धालुओं को भी कई किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ी।

बारिश में भूस्खलन के कारण कालसी बैराटखाई मोटर मार्ग पर कोदी बौंदी के पास भारी मात्रा में मलबा आ गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। रविवार सुबह नौ बजे मुख्य मोटर मार्ग बंद होने पर 12 दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण अपने ग्रामों में कैद हो गए। लोगों को कई किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ी। रक्षाबंधन पर मायके आ रही बहनें मार्ग बंद होने के कारण निराश लौटीं। जिन्हें भाइयों की कलाई पर राखियां न बांधने का मलाल रहा। कुछ लोग मसूरी नागथात लखवाड़ मार्ग से 50 किमी की अतिरिक्त दूरी नाप कर कालसी व विकास नगर पहुंचे, जिससे लोगों को अधिक किराया व समय भी गंवाना पड़ा। लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता संत कुमार का कहना है कि मौके पर जेसीबी को भेजा गया था, भूस्खलन के चलते लोगों ने मलबे को बाहर खेतों में नहीं फेंकने नहीं दिया। जिसे डं¨पग करने में समस्या होने पर जेसीबी नहीं लगाई गई। थैना मंदिर समिति अध्यक्ष दीवान ¨सह भंडारी, मुख्य पुजारी राहुल भट्ट, कोषाध्यक्ष मोहन ¨सह तोमर, बीएस भंडारी, ईश्वरी भट्ट, अमर ¨सह चौहान आदि का कहना है कि सिद्ध पीठ महासू देवता मंदिर में दर्शन को श्रद्धालु कई किमी पैदल चलकर आए। कई श्रद्धालु वापस लौट गए।

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एकलव्य स्कूल को हो चुका है नुकसान

कालसी: कई साल पहले एकलव्य आवासीय विद्यालय कालसी को कालसी बैराटखाई मार्ग के भूस्खलन से भारी नुकसान हो चुका है। मार्ग का मलबा पूरी तरह से स्कूल भवन में घुस गया था, जिससे स्कूल में रहने वाले छात्र छात्राओं की पढ़ाई लंबे समय तक प्रभावित रही थी। भवन से मलबा निकालने में कई माह का समय लग गया था।

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