Rishikesh Weather Update: तीर्थनगरी में रौद्र रूप दिखाकर शांत हुई गंगा, प्रशासन ने ली राहत की सांस
Rishikesh Weather Update पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश लगातार जारी है। ऋषिकेश और आसपास इलाके में बीती रात से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बीते शनिवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था। रविवार की सुबह जल स्तर में कमी दर्ज की गई है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Rishikesh Weather Update पर्वतीय क्षेत्र में पिछले दो दिन से हो रही मूसलधार बारिश के कारण ऋषिकेश में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया था। शनिवार की रात गंगा खतरे के निशान को पार कर गई थी। रविवार को गंगा के घटते जल स्तर को देखकर प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
गढ़वाल मंडल के क्षेत्र में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी पिछले दो दिन में गढ़वाल मंडल में जोरदार बारिश हुई। जिससे गंगा की सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया था। जिसका असर ऋषिकेश सहित मैदानी क्षेत्र में बाढ़ के रूप में देखा गया। ऋषिकेश में गंगा में खतरे का निशान 340.50 मीटर है। यहां शनिवार की शाम सात बजे गंगा खतरे के निशान को पार कर गई थी। यहां गंगा 340.54 मीटर तक पहुंच गई थी। गंगा का जलस्तर इतना अधिक बढ़ गया कि त्रिवेणी घाट का प्लेटफार्म करीब एक फुट पानी से भर गया था। देर रात तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास रहा।
रविवार की सुबह गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही थी। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ङ्क्षसचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नरेंद्र नगर खंड कमल ङ्क्षसह ने बताया कि रविवार की सुबह ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से 30 सेंटीमीटर ऊपर यानी 339.80 मीटर पर बह रही थी। दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर 339.28 पहुंच गया। रात्रि आठ बजे गंगा का जलस्तर 339.02 दर्ज किया गया। यहां गंगा की चेतावनी रेखा 339.50 मीटर पर है। यानी गंगा चेतावनी रेखा से नीचे पहुंच गई थी।
स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ घाट सहित अन्य घाटों पर भी पानी बढ़ गया था। परमार्थ निकेतन के समीप बीते रोज गंगा का जलस्तर विशालकाय शिव मूर्ति के प्लेटफार्म के ऊपर से होकर बह रहा था। रविवार को यहां जलस्तर घट गया। सभी घाटों पर रेत और गार्द का ढेर लग गया है।
गंगा भोगपुर में बही सड़क
गंगा में आए भारी उफान से यमकेश्वर के गंगा भोगपुर तल्ला गांव की सड़क बह गयी है। यहां गंगा के किनारे बना तटबंध 2013 की आपदा में बह गया था। जिसके बाद यहां आज तक तटबंध नहीं बन पाया है। तटबंध न होने के कारण हर वर्ष मानसून में गंगा का जलस्तर बढऩे पर यहां भू-कटाव हो रहा है। शनिवार को भी लगातार बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि हो गई थी। जिसके बाद यहां गांव की ओर भू-कटाव होने लगा था। रविवार की सुबह यहां भू-कटाव इतना बढ़ गया कि यहां गांव को जोडऩे वाली सड़क का हिस्सा बह गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सुनी समस्याएं
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजपाल खरोला ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों से उनकी समस्याएं सुनी। नुकसान का जायजा लेते हुए उन्होंने बाढ़ की समस्या के निस्तारण के लिए अधिकारियों से फोन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष मानसून काल में ऋषिकेश विधानसभा के विभिन्न क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते हैं। मगर, जन प्रतिनिधियों के नकारापन के चलते समय रहते बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं होते। इस दौरान उनके साथ पार्षद मधु मिश्रा, दीनदयाल राजभर, राजू गुप्ता, राजेश राजभर, सोनू पांडे, राजेंद्र गैरोला, विजयपाल रावत, दीपक धमांदा, अमन रतूड़ी, सुभाष जखमोला आदि मौजूद रहे।
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