ऋषिकेश: गुलदार के तीन शावक बने वन विभाग के लिए बने चुनौती, जानिए क्या है वजह
खदरी-खड़कमाफ में लंबे समय से सक्रिय गुलदार को पकड़कर वन विभाग ने कामयाबी हासिल कर ली। मगर अब इस गुलदार के तीन शावक (बच्चे) वन विभाग के लिए चुनौती बन गए हैं। दरअसल यह शावक अभी महज सात माह के हैं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। श्यामपुर के खदरी-खड़कमाफ में लंबे समय से सक्रिय गुलदार को पकड़कर वन विभाग ने कामयाबी हासिल कर ली। मगर, अब इस गुलदार के तीन शावक (बच्चे) वन विभाग के लिए चुनौती बन गए हैं। दरअसल यह शावक अभी महज सात माह के हैं, जो अभी शिकार करने में अक्षम हैं। ऐसे में इनके जीवन पर अब गंभीर संकट आ खड़ा हुआ है।
शुक्रवार को खदरी-खड़कमाफ के गुलजार फार्म में वन विभाग के ङ्क्षपजरे में एक गुलदार कैद हुआ था। यह गुलदार लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय था, जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने तमाम कोशिशें की थी। मगर, गुलदार हाथ नहीं आ पाया। आखिर शुक्रवार को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सहयोग के बाद वन विभाग गुलदार को पकड़ने में कामयाब रहा।
बहरहाल, गुलदार के पकड़े जाने से वन विभाग ने जितनी चैन की सांस ली, विभाग की उतनी ही परेशानी अब बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल इस गुलदार के साथ तीन शावक भी यहां नजर आए थे। मार्च माह में यह गुलदार अपने तीन शावक के साथ सीसीटीवी कैमरा में भी कैद हुआ था। उस वक्त इन शावकों की उम्र महज एक माह की थी। विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में यह शावक लगभग सात से आठ माह होंगे, जो मादा गुलदार के पकड़े जाने के बाद अब असहाय हो गए हैं।
चूंकि तीनों शावक अभी न तो शिकार करने योग्य हैं और ना ही उन्हें प्राकृतिक वास का अच्छा तजुर्बा है। ऐसे में इन शावकों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना अब बड़ी चुनौती है। स्थानीय निवासी व वन्यजीव प्रेमी विनोद जुगलान ने बताया कि तीनों शावक को पकड़ने के लिए अब वन विभाग को नई रणनीति पर काम करना होगा। रेंज अधिकारी एमएस रावत ने बताया कि शावकों को सुरक्षित पकड़ने के लिए वन विभाग प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि तलाश के लिए कांबिंग चलाई जा रही है। इसके लिए अन्य तकनीकी अपनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
शावकों की तलाश में की कांबिंग
शनिवार को वन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत के निर्देश पर वन कर्मियों ने खदरी-खड़कमाफ के गुलजार फार्म में गन्ने के खेतों में शावकों की तलाश में कांबिंग की। इस दौरान खोजी दल को गन्ने के खेतों में एक कुत्ते के अवशेष मिले हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मादा गुलदार अपने शावकों के साथ इसी क्षेत्र में रह रही थी। वन बीट अधिकारी राजेश बहुगुणा के साथ गश्ती दल ने क्षेत्र में सघन कांबिंग की।
यह भी पढ़ें- बरसात में इनका डांस हाथियों को करता है काफी परेशान, बचने को मिट्टी में भी लोटते हैं गजराज
टीम ने अलग-अलग स्थानों पर पिंजरे भी लगाए गए हैं। टीम के साथ ग्राम सुरक्षा समिति के अध्यक्ष शांति प्रसाद थपलियाल, पूर्व ग्राम प्रधान सरोप सिं पुंडीर, क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीकांत रतूड़ी, विनोद चौहान, बृज पाल चौधरी, वनकर्मी मनोज कुमार भोला, वीरेंद्र रयाल, सूर्य प्रकाश, बबलू चौहान आदि शामिल रहे।
यह भी पढे़ं- करीब 4500 वर्ग किमी में फल-फूल रहा हाथियों का कुनबा, आबादी वाले क्षेत्रों में धमक ने फिर बढ़ाई चिंता