फल सब्जी विक्रेता नहीं आ रहे बाज, रेट लिस्ट गायब; नगर निगम की टीम ने दस दुकानदारों का किया चालान
कोविड कर्फ्यू की आड़ में नागरिकों से फल एवं सब्जी बिक्री में मनमाने दाम वसूली अभी भी जारी है। नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बीते रोज टीम गठित करने और प्रत्येक दुकान में रेट लिस्ट लगाने की बात तय हुई थी।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। कोविड कर्फ्यू की आड़ में नागरिकों से फल एवं सब्जी बिक्री में मनमाने दाम वसूली अभी भी जारी है। नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बीते रोज टीम गठित करने और प्रत्येक दुकान में रेट लिस्ट लगाने की बात तय हुई थी। कई दुकानदार अब भी बाज नहीं आ रहे हैं। नगर निगम की टीम ने ऐसे दस दुकानदारों का चालान कर इन पर 1800 रुपया जुर्माना लगाया।
ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में फल एवं सब्जी की कीमतें आसमान छू रही हैं। फुटकर विक्रेता सामान के बदले मनमाना दाम वसूल रहे हैं। कोविड कर्फ्यू के दौरान समय की कमी को देखते हुए हर आदमी को जल्दी है। ऐसे में कोई भी दुकानदार से बहस कर समय बर्बाद नहीं करना चाहता। इसका फायदा भी दुकानदार उठा रहे हैं। कृषि उत्पादन मंडी समिति प्रतिदिन मंडी के रेट सार्वजनिक करती है। जिस पर अधिकतम 30 प्रतिशत लाभांश जोड़कर फुटकर बिक्री के निर्देश प्रशासन ने जारी किए थे। जनता को जब राहत नहीं मिल पाई तो बीते सोमवार को नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल की अध्यक्षता में तहसील, खाद्य एवं आपूर्ति, वाट माप, नगर निगम विभागों की टीम गठित की गई।
बैठक में कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष और सचिव सहित फुटकर और थोक विक्रेता समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में कुछ हिदायत जारी की गई थी। जिसमें बड़े व्यापारी को आवश्यक रूप से फुटकर व्यापारी को खरीद का परिचय देने और फुटकर व्यापारी को जांच के दौरान यह पर्चा उपलब्ध कराने को कहा गया था। साथ ही प्रत्येक दुकानदार को रेट लिस्ट लगाने को कहा गया था। मंगलवार को अन्य विभागों को छोड़ सिर्फ नगर निगम की टीम ही इस मामले में मुस्तैद नजर आई। विशेष रूप से देहरादून रोड बालाजी बगीचा के समीप वेंडिंग जोन में अत्यधिक शिकायतें आ रही थी। नगर निगम की टीम ने वहां जाकर आवश्यक जांच की।
इसके साथ ही हरिद्वार रोड, डिग्री कॉलेज तिराहा आदि क्षेत्र में भी टीम ने मौके पर जांच की। इस दौरान दस दुकानदार ऐसे मिले जिनके यहां रेट लिस्ट नहीं लगी थी और कई के पास माल खरीद का पर्चा भी नहीं था। नगर आयुक्त ने बताया कि इन सब के खिलाफ चालान की कार्रवाई करते हुए 1800 रुपये जुर्माना लगाया गया। टीम में सफाई निरीक्षक सचिन रावत, धीरेंद्र सेमवाल, नरेश खैरवाल, रोहित, विनोद आदि शामिल रहे।
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