बढ़ रही ठिठुरन, ऋषिकेश नगर निगम ने अलाव के लिए चिह्नित नहीं किए स्थान
नवंबर का महीना समाप्ति की ओर है मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है। सुबह और रात के समय पारा दस डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने लगा है। ऐसे में खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वालों की परेशानी बढ़ने लगी है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: नवंबर का महीना समाप्ति की ओर है, मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है। सुबह और रात के समय पारा दस डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने लगा है। ऐसे में खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वालों की परेशानी बढ़ने लगी है। नगर व आसपास के सार्वजनिक स्थानों पर हर वर्ष नगर निगम की ओर से अलाव की व्यवस्था की जाती है। मगर, अभी तक नगर निगम ने अलाव के लिए स्थान भी चिह्नित नहीं किए हैं।
गंगा तट पर बसी तीर्थनगरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है। खास बात यह है कि तीर्थनगरी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग निवास करते हैं, जो खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करते हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या भिक्षुकों और साधू-संत की है, जिनके लिए यहां न तो कोई रैन बसेरा है और ना ही कोई सुरक्षित आश्रय। यह लोग गंगा किनारे त्रिवेणी घाट के खुले प्लेटफार्म तथा सड़क किनारे फुटपाथ या दुकानों की आड़ में रात बिताते हैं। इतना ही नहीं गढ़वाल मंडल का प्रवेश द्वार और पर्यटन नगरी होने के कारण यहां बड़ी संख्या में यह लोग रात के समय दिल्ली तथा अन्य प्रांतों से चारधाम यात्रा बस टर्मिनल व अन्य स्थानों पर पहुंचते हैं। जहां अलाव की व्यवस्था न होने के कारण यात्रियों को ठंड में ठिठुरना पड़ता है।
इन जगहों पर होती है अलाव की जरूरत
त्रिवेणी घाट, घाट चौक, देहरादून चौक, नटराज चौक, मायाकुंड चौक, चंद्रेश्वर नगर चौक, चारधाम यात्रा बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, विश्वकर्मा चौक, नवीन मंडी वीरभद्र रोड, के अलावा मायाकुंड, चंद्रेश्वर नगर, कुम्हारबाड़ा, शांतिनगर, आइडीपीएल सिटी गेट, अमित ग्राम गुमानीवाला, एम्स तिराहा आदि में अलाव की जरूरत पड़ती है।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश: स्वच्छता अभियान में मदद करने वालों को महापौर ने किया सम्मानित, दिलाया अभियान में सहयोग का संकल्प
नगर निगम जल्द करे अलाव की व्यवस्था
देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने नगर निगम से शीघ्र ही क्षेत्र में जगह चिह्नित कर अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है। नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त गिरीश चंद्र गुणवंत नगर निगम क्षेत्र में अलाव जलाने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके लिए शीघ्र ही टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी। इसके साथ ही अलाव जलाने के लिए स्थानों का चयन किया जा रहा है। दिसंबर प्रथम सप्ताह से सभी जरूरी स्थानों पर अलाव जलाया जाएगा।