आवासीय स्कूलों को अभी गाइडलाइन का इंतजार, प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक स्कूल बंद करने का लिया है फैसला

कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए प्रदेश सरकार ने देहरादून (शहर क्षेत्र) हरिद्वार हल्द्वानी और नैनीताल में बोर्ड कक्षाओं (10वीं और 12वीं) को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के लिए दिवसीय स्कूल 30 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 12:45 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 12:45 PM (IST)
आवासीय स्कूलों को अभी गाइडलाइन का इंतजार, प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक स्कूल बंद करने का लिया है फैसला
आवासीय स्कूलों को अभी गाइडलाइन का इंतजार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए प्रदेश सरकार ने देहरादून (शहर क्षेत्र), हरिद्वार, हल्द्वानी और नैनीताल में बोर्ड कक्षाओं (10वीं और 12वीं) को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के लिए दिवसीय स्कूल 30 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया है। लेकिन, सरकार के इस निर्णय में आवासीय स्कूलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

इससे आवासीय स्कूल असमंजस में हैं कि बच्चों की पढ़ाई जारी रखें या उन्हें वापस घर भेजें। फिलहाल आवासीय स्कूलों को इस मामले में सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन का इंतजार है। वहीं, इस संबंध में स्कूलों के मत की बात करें तो अधिकांश निजी आवासीय स्कूल छात्रों को घर भेजने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि बड़ी मुश्किल से छात्र पढ़ाई करने के लिए लौटे थे। कई बच्चे दूसरे राज्यों से भी हैं। ऐसे में उन्हें दोबारा घर भेजा गया तो जल्दी बुला पाना मुश्किल हो जाएगा।

नवोदय विद्यालय से दो दिन में 167 छात्र घर लौटे

कैबिनेट के फैसले के बाद बीते दो दिन में दून के ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय से नॉन बोर्ड कक्षाओं के ज्यादातर छात्र-छात्राएं घर जा चुके हैं। शुक्रवार तक स्कूल में छठी से 12वीं तक के 367 छात्रों में से 260 की उपस्थिति लग रही थी। अब बोर्ड के 81 और नॉन बोर्ड के 12 छात्र ही स्कूल में रह गए हैं। जो छात्र स्कूल में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें जबरन घर नहीं भेजा जा रहा। वेल्हम ब्वॉयज स्कूल की मीडिया प्रभारी मोनिका ने बताया कि अभी छात्रों को घर नहीं भेजा जा रहा।

इसके लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की गाइडलान का इंतजार किया जा रहा है। वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल को यहां कोरोना संक्रमण फैलने के बाद फिलहाल बंद ही कर दिया गया है। द दून स्कूल ने बच्चों को स्कूल में रखने या ले जाने का फैसला अभिभावकों पर छोड़ दिया है। एशियन स्कूल की मीडिया प्रभारी अपर्णा ने बताया कि अभी बोर्ड कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को ही स्कूल बुलाया गया है। अन्य कक्षाओं के छात्रों को स्कूल बुलाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन अब अग्रिम आदेश तक पढ़ाई ऑनलाइन ही कराई जाएगी। पेसलवीड के प्रिंसिपल जतिन सेठी ने कहा कि फिलहाल छात्रों को स्कूल में ही रखा गया है। बार-बार बाहर जाना और वापस आना भी उनके लिए खतरे से खाली नहीं है। शासन के आदेश के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।

सरकारी स्कूलों में फैसले पर अमल, कई निजी दिवसीय स्कूल आदेश के इंतजार में

शुक्रवार को देर रात तक चली कैबिनेट की बैठक में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 30 अप्रैल तक सभी नॉन बोर्ड कक्षाओं के लिए स्कूल बंद रखने और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाने का फैसला लिया गया था। हालांकि, शनिवार और रविवार को लगातार दो दिन छुट्टी के चलते इसका कोई आधिकारिक आदेश अब तक जारी नहीं हो सका है। आज इस संबंध में आदेश जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, आदेश जारी होने से पहले ही सरकारी स्कूलों में कैबिनेट के फैसले को पूरी तरह लागू कर दिया गया है। ज्यादातर दिवसीय निजी स्कूल भी इस फैसले पर अमल कर रहे हैं। जबकि, कुछ दिवसीय निजी स्कूल शासन और शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेश के बाद ही स्कूल बंद करने की तैयारी में हैं।

प्रेम कश्यप (अध्यक्ष, प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन) ने कहा करीब एक साल बाद किसी तरह स्कूल खुल पाए थे। छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलने लगी थी। अब सरकार ने दोबारा स्कूल बंद करने का फैसला लेकर छात्रों को नियमित पढ़ाई से दूर कर दिया है। हम अपने स्कूल स्पष्ट आदेश आने तक जारी रखेंगे। सरकार को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए।

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