उत्‍तराखंड में ग्रेड-पे में कटौती पर पुलिस में फिर पनपा आक्रोश, जानिए क्‍या बाले डीजीपी

ग्रेड-पे में कटौती के विरोध में पुलिस जवानों में आक्रोश की सुगबुगाहट है। पूरा दिन इंटरनेट मीडिया पर ऐसी चर्चा रही कि कुछ जवान ड्यूटी पर काला मास्क पहनकर आक्रोश जता रहे हैं हालांकि सामूहिक तौर पर ऐसा कहीं नजर नहीं आया।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 08:30 AM (IST)
उत्‍तराखंड में ग्रेड-पे में कटौती पर पुलिस में फिर पनपा आक्रोश, जानिए क्‍या बाले डीजीपी
पूरा दिन इंटरनेट मीडिया पर ऐसी चर्चा रही कि कुछ जवान ड्यूटी पर काला मास्क पहनकर आक्रोश जता रहे हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: ग्रेड-पे में कटौती के विरोध में पुलिस जवानों में आक्रोश की सुगबुगाहट है। पूरा दिन इंटरनेट मीडिया पर ऐसी चर्चा रही कि कुछ जवान ड्यूटी पर काला मास्क पहनकर आक्रोश जता रहे हैं, हालांकि सामूहिक तौर पर ऐसा कहीं नजर नहीं आया। कुछ जगह व्यक्तिगत रूप से सड़कों पर काला मास्क पहन तैनात जवानों की बात जरूर सामने आई है। वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जवानों की मांग को तर्कसंगत बताते हुए कहा कि काला मास्क पहनने पर किसी भी तरह की मनाही नहीं है, लेकिन उन्होंने इस मामले में विरोध जताने जैसी बात से इन्कार किया।

उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय शासन को पहले ही इस संबंध में प्रस्ताव दे चुका है। उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री जल्द सकारात्मक निर्णय लेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मामला कैबिनेट के विचाराधीन है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट में चर्चा होगी और सरकार भरोसा दिलाती है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।  अनुशासित कहे जाने वाले पुलिस बल में आक्रोश के यह तेवर नए नहीं हैं। वर्ष 2015 में भी उत्तराखंड में मिशन आक्रोश चल चुका है। उस वक्त भी ग्रेड-पे के मामले में आक्रोशित जवानों ने प्रदेश की पुलिस लाइन व थाने-चौकियों की मैस का भोजन करना छोड़ दिया था। उस वक्त कई जिलों में काली पट्टी बांधकर विरोध तक हुआ था, लेकिन तब मुख्यालय के साथ ही शासन ने जवानों को आश्वासन देकर शांत करा दिया था। अब छह साल बाद ग्रेड-पे को लेकर फिर आक्रोश की सुगबुगाहट है। जवानों के अनुसार, उनके प्रमोशन नहीं होने की सूरत में मिलने वाले ग्रेड-पे में सरकार ने भारी कटौती की है। सिपाही को 20 वर्ष की सेवा के बाद 4600 नहीं, बल्कि 2800 रुपये का ग्रेड-पे दिया गया, जो तर्क संगत नहीं है। वैसे, मुख्यमंत्री ने इस मामले में पहले ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई हुई है। बुधवार को कमेटी की बैठक होनी थी, जो टल गई। संभवत: इसी कारण कुछ जवानों ने इंटरनेट मीडिया को आक्रोश का जरिया बनाया। 

बताया गया कि काला मास्क पहने कुछ जवानों ने अपनी मांगों के साथ फोटो शेयर की, जिसके बाद कुछ और जगह जवानों ने भी काला मास्क पहनकर अंदरखाने विरोध जताया। दरअसल, कांस्टेबल को 10 साल की सेवा के बाद हेड कांस्टेबल का ग्रेड-पे दिया जाता है। इसके बाद 20 साल में सब इंस्पेक्टर व 30 साल की सेवा में इंस्पेक्टर का ग्रेड-पे दिया जाता है।

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पुलिस विभाग में कांस्टेबल के प्रमोशन की प्रक्रिया कई वर्षों से लंबित है, लेकिन प्रमोशन न मिलने की स्थिति में उच्च वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाता रहा है। आरोप है कि सरकार के ताजा आदेश से ग्रेड-पे में 1800 रुपये तक की कटौती हो गई है। जवानों के मुताबिक सातवें वेतनमान आयोग ने स्पष्ट किया था कि 10 साल में संतोषजनक सेवा करने पर 2400 रुपये ग्रेड-पे, 20 साल की सेवा पर 4600 रुपये, जबकि 30 साल की सेवा पर 4800 रुपये ग्रेड पे दिया जाएगा। आरोप है कि सरकार ने 20 साल की सेवा पर 2800 रुपये ग्रेड-पे तय किया है। सीधे तौर पर 1800 रुपये की कटौती बताई गई। विरोध में सबसे पहले देहरादून जिले में काला मास्क पहनने की बात कही जा रही है, जबकि हरिद्वार जिले में शुक्रवार को विरोध जताने की चर्चा है। इसे लेकर एसएसपी हरिद्वार ने खुफिया तंत्र को अलर्ट कर दिया है। दूसरी तरफ, देहरादून एसएसपी डा. योगेंद्र रावत ने कहा कि आक्रोश की बात उनके संज्ञान में नहीं है। 

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