देहरादून: धनराशि वापस लौटाने के बाद भी ब्याज देना होगा, जानिए किसने और क्यों दिए ये आदेश

देहरादून के कर्जन रोड पर आवासीय परियोजना ज्वालाजी अपार्टमेंट्स के साझेदारों के आपसी विवाद के मामले में रेरा ने भुगतान अदा करने के बाद अब उस राशि पर ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं। यह भुगतान ज्वालाजी फर्म ने एक साझेदार को उसकी राशि वापस लौटाकर किया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 09:08 AM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 09:08 AM (IST)
देहरादून: धनराशि वापस लौटाने के बाद भी ब्याज देना होगा, जानिए किसने और क्यों दिए ये आदेश
धनराशि वापस लौटाने के बाद भी ब्याज देना होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून के कर्जन रोड पर आवासीय परियोजना ज्वालाजी अपार्टमेंट्स के साझेदारों के आपसी विवाद के मामले में रेरा ने भुगतान अदा करने के बाद अब उस राशि पर ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं। यह भुगतान ज्वालाजी फर्म ने एक साझेदार को उसकी राशि वापस लौटाकर किया गया। रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने स्पष्ट किया कि संबंधित साझेदार को बिक्री के लिए फ्लैट उपलब्ध कराने थे और फर्म इसमें असमर्थ रही है।

शिकायत अजय कुमार जैन की ओर से रेरा में दर्ज कराई गई थी। उन्होंने 30 लाख रुपये का प्रारंभिक भुगतान कर परियोजना के फ्लैट की बिक्री की इच्छा जताई थी। अनुबंध के तहत अजय कुमार को अगस्त 2019 तक पूरा भुगतान (3.8 करोड़ रुपये) करना था। हालांकि, इससे पहले ही फर्म ने कुछ फ्लैट अन्य को बेच दिए।

इसके बाद अजय कुमार ने अपनी धनराशि ब्याज सहित वापस मांगी। इसके साथ ही उन्होंने रेरा में वाद भी दायर कर दिया। इस बीच फर्म ने अजय कुमार को 30 लाख रुपये वापस लौटा दिए। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने अजय कुमार को 6.62 लाख रुपये ब्याज के रूप में वापस करने के आदेश जारी किए।

दीवानी न्यायालय में वाद के बाद भी रेरा को सुनवाई का अधिकार

प्रकरण में फर्म के साझेदारों ने कहा कि परियोजना को लेकर एसआइटी जांच कर रही है और इस मामले में दीवानी न्यायालय में भी वाद लंबित है। लिहाजा, अजय कुमार की शिकायत को निरस्त करने की मांग की। यहां पर रेरा ने स्पष्ट किया कि रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट की धारा 88 एवं 89 में रेरा में वाद चलाए रखने की व्यवस्था है। जिसके तहत रेरा एक्ट अन्य विधियों पर अधिप्रभावी व अतिरिक्त है। धारा 79 यह भी कहती है कि दीवानी न्यायालय को ऐसे मामलों का अधिकार नहीं है।   

यह भी पढ़ें- अब समिति से 25 लाख तक ऋण ले सकेंगे शिक्षक, इस सत्र से लागू हो जाएंगे नए नियम

chat bot
आपका साथी