Republic Day 2021: ग्रीन बिल्डिंग पर केंद्रित होगी स्मार्ट सिटी की झांकी, गणतंत्र दिवस पर होंगे दीदार

Republic Day 2021 स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली ग्रीन बिल्डंग लंबे समय से चर्चा में है। यह इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डिंग कलेक्ट्रेट के पुराने भवनों की जगह लेगी। हालांकि दूनवासियों के लिए यह अभी तक भी कौतुहल का विषय ही है कि आखिर ग्रीन बिल्डिंग दिखेगी कैसी?

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 02:53 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 03:05 PM (IST)
Republic Day 2021: ग्रीन बिल्डिंग पर केंद्रित होगी स्मार्ट सिटी की झांकी, गणतंत्र दिवस पर होंगे दीदार
Republic Day 2021: ग्रीन बिल्डिंग पर केंद्रित होगी स्मार्ट सिटी की झांकी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Republic Day 2021 स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली ग्रीन बिल्डंग लंबे समय से चर्चा में है। यह इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डिंग कलेक्ट्रेट के पुराने भवनों की जगह लेगी। हालांकि, दूनवासियों के लिए यह अभी तक भी कौतुहल का विषय ही है कि आखिर ग्रीन बिल्डिंग दिखेगी कैसी? यदि आप इसका दीदार करना चाहते हैं तो परेड ग्राउंड में होने वाले गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में शरीक होना होगा, क्योंकि इस बार देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी अपनी झांकी में ग्रीन बिल्डिंग के दीदार कराने जा रही है।

स्मार्ट सिटी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, झांकी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अभी वास्तविक ग्रीन बिल्डिंग का डिजाइन अंतिम चरण में है और धरातल पर आकार लेने में इसे लंबा समय लगेगा। अच्छी बात यह है कि गणतंत्र दिवस की झांकी के माध्यम से लोग इसके रूप को देख पाएंगे। प्रयास किए जा रहे हैं कि ग्रीन बिल्डिंग की झांकी में वह सभी चीजें दिखें, जो वास्तविक बिल्डिंग में होंगी। 

पेयजल निगम से कराए जाएं पेयजल व सीवरेज के काम

अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति की बैठक में प्रबंध निदेशक के रिक्त पद पर शीघ्र विभागीय अधिकारी की तैनाती किए जाने पर मुख्यमंत्री व पेयजल सचिव का आभार व्यक्त किया। साथ ही मांग उठाई कि पेयजल निगम की माली हालत सुधारने के लिए पेयजल व सीवरेज संबंधी काम बाहरी एजेंसी को न दिए जाएं।

सोमवार को आयोजित समिति की बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष रामकुमार ने कहा कि विभिन्न कार्य बाहरी एजेंसियों से कराए जाने के चलते सेंटेज की हानि हो रही है।

वहीं, कम अनुभव वाली एजेंसियों से काम कराने पर कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। पूर्व में भी बाहरी एजेंसियों को काम दिए जाने के चलते 3000 करोड़ रुपये की जगह पेयजल निगम के हिस्से महज 1200 करोड़ रुपये के काम आ पाए। बैठक में समिति पदाधिकारियों ने कहा कि पेयजल निगम के पास लंबा कार्य अनुभव है। लिहाजा, प्रदेश की बेहतरी के लिए भी पेयजल निगम को अधिक से अधिक कार्य दिए जाने की जरूरत है। बैठक में प्रवीन कुमार राय, दीपक मलिक, अजय बेलवाल, अरविंद सजवाण, भजन सिंह आदि उपस्थित रहे।

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