सत्य मार्ग को अपनाकर बनता है जीवन सुंदर

आर्य समाज मंदिर में मनाए जा रहे वार्षिक समारोह के छठे दिन श्रद्धालुओं को सत्य के मार्ग पर चलकर जीवन सफल बनाने का ज्ञान दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 07:39 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 07:39 PM (IST)
सत्य मार्ग को अपनाकर बनता है जीवन सुंदर
सत्य मार्ग को अपनाकर बनता है जीवन सुंदर

संवाद सहयोगी, विकासनगर: आर्य समाज मंदिर में मनाए जा रहे वार्षिक समारोह के छठे दिन प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को पुण्य व सत्य के मार्ग पर चलने की सलाह दी गई। पंडित वीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सत्य के पथ पर चलकर ही जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है। ईश्वर पर विश्वास करने वाला इंसान कभी झूठ का रास्ता नहीं अपनाता है। कहा कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है।

उन्होंने कहा कि उसे पाने के लिए उसी के बताए मार्ग पर चलना होगा। क्योंकि परमात्मा से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। वह तो खुद खुद अपने भक्तों पर सब कुछ अर्पित कर देते हें। उन्होंने बताया कि मानव पर चार ऋण होते हैं। देव ऋण, पित्र ऋण, गुरु ऋण व मनुष्य ऋण। इनमें देव ऋण से चुकाने के लिए हवन पूजन, पितृ ऋण उतारने के लिए माता पिता की सेवा, गुरु ऋण के लिए गुरुजनों की आज्ञा का पालन व मनुष्य ऋण उतारने के लिए मनुष्य जाति की भलाई का कार्य करते रहना चाहिए। भजनोपदेशक दिनेश दत्त आर्य ने हे ज्ञान वान भगवन हमको भी ज्ञान दे दो, करुणा के चार छींटे करुणा निधान दे दो। दुनिया बनाने वाले महिमा तेरी निराली, चंद बनाया शीतल सूरज में आग डाली। अपनी दया का भगवन वरदान हमको दे दो, जग जाए ज्योति मन में वो ज्ञान हमको दे दो.. भजन गाकर श्रद्धालुओं को सदकर्म करने की सलाह दी। इस दौरान पंडित चंदन शास्त्री, हरिकिशोर महेंद्रू, रामपाल रोहिला, धनंजय, संजय चौधरी, डॉ. अनिल, डॉ. बुद्धि प्रकाश, सोनिका वालिया, दीपक, नंदनी, रेखा, अनीता, पूजा रोहिला आदि मौजूद रहे।

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