वन निगम के फील्ड कर्मियों से एफटीए की वसूली

वन विकास निगम में कार्यरत करीब 1300 फील्ड कर्मियों से नियत यात्रा भत्ता (एफटीए) की वसूली शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 03:00 AM (IST)
वन निगम के फील्ड कर्मियों से एफटीए की वसूली
वन निगम के फील्ड कर्मियों से एफटीए की वसूली

राज्य ब्यूरो, देहरादून: वन विकास निगम में कार्यरत करीब 1300 फील्ड कर्मियों से नियत यात्रा भत्ता (एफटीए) की वसूली शुरू हो गई है। एफटीए को लेकर पूर्व में महालेखाकार ने ऑडिट में आपत्ति लगाई थी, जिसके बाद निगम प्रबंधन ने एफटीए बंद कर 2016 से दिए गए इस भत्ते की राशि की वसूली के आदेश जारी किए थे। अब प्रभागों में इस पर अमल की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इससे निगम कर्मियों में उबाल है और उन्होंने नियमावली का हवाला देते हुए यह वसूली रोकने और पूर्व की भांति एफटीए जारी रखने की मांग को लेकर प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा है।

निगम में नियत यात्रा भत्ता बिलों को लेकर पूर्व में महालेखाकार ने ऑडिट आपत्ति लगाई थी। वन विकास निगम स्केलर संघ के संरक्षक बीएस रावत के मुताबिक आडिट आपत्ति की बगैर जांच पड़ताल और बिना कोई उत्तर दिए एफटीए की सुविधा रोक वसूली के आदेश दिए गए। अब देहरादून में लौगिंग व खनन प्रभाग के कार्मिकों से वसूली की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। इसके तहत संबंधित कर्मियों ने 10 से 40 हजार रुपये तक की वसूली हो सकती है।

उन्होंने कहा कि निगम की सेवा नियमावली के अनुरूप फील्डकर्मियों को एफटीए दिया जा रहा है। निगम की सेवा नियमावली में यह एफटीए के रूप में दर्ज है, जिसे 10 अक्टूबर 2013 के शासनादेश के बाद वाहन भत्ता नाम दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि हाल में वित्त विभाग ने राज्यकर्मियों के लिए वेतन भत्तों के संबंध में आदेश जारी किया है, जिसके तहत वाहन भत्ता देय है। इसके विपरीत निगम प्रबंधन का इस संबंध में महालेखाकार को अवगत न कराना और वाहन भत्ता रोकना व वसूली करना गलत है। संघ ने आगाह किया है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।

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वित्त की सहमति के बिना जारी जीओ का न लें संज्ञान

राज्य कर्मचारियों को वाहन भत्ता देने के संबंध में शासन ने स्पष्ट किया है कि वेतन व भत्तों के संबंध में वित्त विभाग की सहमति के बिना जारी किए गए शासनादेशों का संज्ञान न लिया जाए। इस संबंध में वित्त सचिव अमित नेगी की ओर से निदेशक कोषागार को निर्देश दिए गए हैं। इसमें साफ किया गया है कि जिन कार्मिकों को वित्त विभाग की सहमति से निर्गत आदेशों के जरिये वाहन भत्ता प्रदान किया गया है, उनकी वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड-तीन के नियमों में संशोधन होने तक इसी के अनुसार भत्ता दिया जाए।

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