देहरादून के लच्छीवाला नेचर पार्क में पढ़िये प्रकृति का पाठ, तस्‍वीरों में देखें यहां की खूबसूरती

देहरादून जनपद में हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर लच्छीवाला में वन विभाग ने नेचर पार्क बनाया है। यह यहां आने वालों को प्रकृति के संरक्षण का यही पाठ पढ़ा रहा है। आइये आपको लच्छीवाला नेचर पार्क की सैर कराते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 06:07 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 06:07 PM (IST)
देहरादून के लच्छीवाला नेचर पार्क में पढ़िये प्रकृति का पाठ, तस्‍वीरों में देखें यहां की खूबसूरती
लच्छीवाला में वन विभाग द्वारा स्थापित 'नेचर पार्क' वहां आने वालों को प्रकृति के संरक्षण का पाठ पढ़ा रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोनाकाल में प्रकृति के महत्व को सभी ने समझा है। आबोहवा अच्छी होगी तो सेहत अच्छी रहेगी। इसके लिए प्रकृति का संरक्षण बेहद जरूरी है। हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर लच्छीवाला में वन विभाग द्वारा स्थापित 'नेचर पार्क' वहां आने वालों को प्रकृति के संरक्षण का यही पाठ पढ़ा रहा है। यह पार्क उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत से सैलानियों को परिचित कराने के साथ ही जड़ों से जुड़ाव का एहसास भी कराता है।

लच्छीवाला पिकनिक स्पाट के रूप में पहले से पहचान रखता है, लेकिन अब इसे नेचर पार्क के तौर पर विकसित किया गया है। साथ ही नालेज पार्क बनकर भी उभरा है। आइये, आपको लच्छीवाला नेचर पार्क की सैर पर लिए चलते हैं। प्रकृति की सुरम्य वादी में स्थित इस पार्क में बना म्यूजियम अपने आप में आकर्षित करता है। म्यूजियम को 'धरोहर' नाम दिया गया है। जथो नाम तथो गुण को यह प्रदर्शित भी करता है।

म्यूजियम में उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत के दर्शन होते हैं। धरोहर में ढोल-दमाऊ, रणसिंघा, भंकोर, मोछंग, हुड़का जैसे पारंपरिक लोकवाद्य सभी का ध्यान खींचते हैं तो यहां का पारंपरिक पहनावा, मूर्ति व काष्ठकला, सीमांत क्षेत्रों के मुखौटा नृत्य के मुखौटे, रसोई में उपयोग किए जाने वाले बर्तन, पारंपरिक बीज आदि से भी सैलानी परिचित हो रहे हैं। म्यूजियम में बच्चे ये जान सकते हैं कि बीज से पौधा कैसे बनता है। साथ ही थ्रीडी थिएटर में वन्यजीवों का सामने से गुजरने का एहसास अपने आप में एकदम नया अनुभव है।

पार्क में पहुंचने वाले सैलानियों को धरती माता की प्रतिकृति धरा को हरा-भरा बनाने का संदेश देती नजर आती है। इसके साथ ही हर्बल गार्डन में आप औषधीय पौधों से परिचित होते हैं तो बटरफ्लाई गार्डन में रंग-विरंगी तितलियां आल्हादित कर देती हैं। यहां मौथ यानी पतंगों की भी कई प्रजातियां हैं, जो यह बताती हैं कि इस क्षेत्र की जैव विविधता बेहद समृद्ध है। कुल मिलाकर लच्छीवाला नेचर पार्क सैलानियों के आकर्षण का केंद्र तो बना ही है, वहां से लोग प्रकृति और अपनी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का संदेश लेकर भी जा रहे हैं।

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