Ramadan 2021: अलविदा जुमा पर रोजेदारों ने घर पर रह की कोरोना के खात्मे की दुआ, मस्जिदों में गाइडलाइन का पालन
Ramadan 2021 रहमत और बरकत के मुकद्दस माह रमजान में नेकी और इबादत करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। अलविदा जुमा पर रोजेदारों ने घर पर रहकर वतन में अमन चैन और वैश्विक महामारी कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Ramadan 2021 रहमत और बरकत के मुकद्दस माह रमजान में नेकी और इबादत करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। अलविदा जुमा पर रोजेदारों ने घर पर रहकर वतन में अमन चैन और वैश्विक महामारी कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए कोविड कर्फ्यू के बीच मुस्लिम धर्म में सबसे पवित्र रमजान माह खात्मे पर है। इस महीने का आखिरी जुमा अलविदा जुमा कहलाता है। धर्मगुरुओं की अपील पर अधिकांश रोजेदारों ने घरों में रहकर ही रोजा रखा। विभिन्न मस्जिदों में अलग अलग निर्धारित समय पर सीमित संख्या में रोजेदारों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज अता की। साथ ही वैश्विक महामारी के खात्मे, भाईचारा, देश की तरक्की की दुआ मांगी।
शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद, जबकि नायब सुन्नी शहर काजी सैय्यद अशरफ हुसैन कादरी ने पटेलनगर मस्जिद में रोजेदारों से नमाज अता कराकर इस पाक महीने का महत्व को बताया। शहर काजी ने कहा कि इस्लाम में रमजान माह को तीन हिस्सों रहमत, मगफिरत और निजात में बांटा गया है। निजात के अशरा में पड़ने वाले जुमा में सभी ने इबादत की।
प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए रोजेदारों ने सुबह सहरी खाने के बाद जुमा की खास नमाज अता की। शाम को घरों में रहकर इफ्तार किया। बताया कि रहमत और इबादत का पाक माह रमजान का आखिरी अशरा बीते चार अप्रैल से शुरू हो चुका है। इसके साथ ही खास इबादतों का दौर भी शुरू हुआ है। जहन्नुम से आजादी के लिए इस अशरा में रोजेदार रब से दुआ करेंगे।
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