Dehradun News: देहरादून के बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच

पेयजल के लिए दून की निर्भरता भूजल पर करीब 90 फीसद तक बढ़ गई। ऐसे में भूजल पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया और इसके अनुरूप रीचार्ज की व्यवस्था ना के बराबर। एमडीडीए ने बड़े भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्णय लिया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 09:40 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 09:40 AM (IST)
Dehradun News: देहरादून के बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच
देहरादून के बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पेयजल के लिए दून की निर्भरता भूजल पर करीब 90 फीसद तक बढ़ गई है। ऐसे में भूजल पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया है और इसके अनुरूप रीचार्ज की व्यवस्था ना के बराबर है। दून के भविष्य पर बढ़ते इस संकट को देखते हुए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने बड़े भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संग्रहण) के नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्णय लिया है। सोमवार को इस संबंध में आयोजित बैठक में एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थिति की पड़ताल करने को कहा है।

बैठक में एमडीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि नक्शा पास करते समय ही यह शर्त जोड़ी जाती है कि संबंधित निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। मगर, तमाम निर्माणकर्ता ऐसा नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि ग्रुप हाउसिंग, कॉम्पलेक्स, स्कूल, कॉलेज आदि बड़े निर्माण में यह देखे जाने की जरूरत है कि कितनों ने रेन वाटर हार्वेसिंग का पालन किया है और कितनों ने नहीं। 

इसके साथ ही उन्होंने भवन स्वामियों से आग्रह किया कि दून के भविष्य के हित में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अवश्य कर लें। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो संबंधित प्रतिष्ठानों के खिलाफ सीलिंग आदि की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं, उपाध्यक्ष ने अधीनस्थों को निर्देश दिया कि बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थिति की पड़ताल 10 दिन के भीतर पूरी कर रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाए। 

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