नगर निगम की टेंडर प्रक्रिया पर उठाए सवाल
नार्दन इंडिया एडवरटाइजिग एसोसिएशन से जुड़े व्यवसायियों ने नगर निगम ऋषिकेश पर स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी कर बाहरी कंपनियों के हित साधने का आरोप लगाया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : नार्दन इंडिया एडवरटाइजिग एसोसिएशन से जुड़े व्यवसायियों ने नगर निगम ऋषिकेश पर स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी कर बाहरी कंपनियों के हित साधने का आरोप लगाया।
ऋषिकेश में आयोजित एसोसिएशन की बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र खन्ना ने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश की ओर से जो निविदा आमंत्रित की गई है, उसमें चार वर्ष का अनुभव अनिवार्य किया गया है। जबकि नगर निगम ऋषिकेश की स्थापना वर्ष 2017 में तथा निर्वाचन 2018 में हुआ। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने निविदा की जो शर्त बनाई है उससे स्थानीय व्यापारियों को बाहर करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जहां स्थानीय नागरिकों को रोजगार में प्राथमिकता देने का दावा करती है, मगर नगर निगम इस तरह की निविदा शर्तें शामिल कर सरकार की कोशिशों को विफल करने का काम कर रहा है। उन्होंने 15 दिन की अवधि के स्थान पर 12 दिन की अल्पावधि में ही निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने पर भी सवाल उठाया। कहा कि निविदा में एक करोड़ का टर्नओवर अनिवार्य किया गया है, जबकि निविदा की शर्त में ही कर राशि को अग्रिम रूप से लिया जा रहा है। ऐसे में टर्नओवर का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आया तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। एसोसिएशन के महामंत्री ऋषि सचदेवा ने बताया कि इस टेंडर प्रक्रिया के विरोध में उन्होंने अलग से भी उच्च न्यायालय में वाद दायर किया है। जिसमें इस प्रक्रिया को रोकने का निवेदन किया गया है। बैठक में पंकज कुमार, संदीप गोस्वामी, मनोज वर्मा, विनीत शर्मा, अनिरुद्ध गुप्ता, सत्य प्रकाश, रिशु, विपुल अग्रवाल आदि मौजूद रहे।