Online Education: छात्र-गुरु में सीधे संवाद की कमी से गिर रही पढ़ाई की गुणवत्ता, जानें- क्या कहते हैं शिक्षक

कोरोना वायरस संक्रमण से हुए लॉकडाउन के कारण छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाने का फैसला लिया गया। पर शिक्षकों और छात्रों के बीच सीधा संवाद न हो पाने के कारण पढ़ाई की गुणवत्ता गिर रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 01:48 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 02:03 PM (IST)
Online Education: छात्र-गुरु में सीधे संवाद की कमी से गिर रही पढ़ाई की गुणवत्ता, जानें- क्या कहते हैं शिक्षक
छात्र- शिक्षक में सीधे संवाद की कमी से गिर रही पढ़ाई की गुणवत्ता।

देहरादून, जेएनएन। कहते हैं बिना गुरु के ज्ञान सिद्ध नहीं होता, वर्तमान में ऑनलाइन पढ़ाई के चलन में यह कहावत सिद्ध होती दिख रही है। आमतौर पर कक्षा में गुरु और शिष्य के बीच जो सीधा संवाद होता है, इसमें एक बड़ा अंतर आ गया है। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर कई स्कूलों में शिक्षकों के मात्र नोट्स ग्रुप में डालने की बात सामने आई है। कई ऐसे भी शिक्षक हैं, जो मात्र यूट्यूब या अन्य जगह के लिंक छात्रों को शेयर कर रहे हैं।

कई दफा तकनीकी खामियों के चलते भी शिक्षक चाहने के बाद भी छात्रों से सीधा नहीं जुड़ पा रहे। जाहिर सी बात है, जब शिक्षकों की ओर से पढ़ाई में खानापूर्ति होगी और गुरु और शिष्य के बीच सीधा संवाद स्थापित नहीं होगा तो शिक्षा के गुणवत्ता तो गिरेगी ही। सरकारी स्कूलों के कुछ छात्रों और खुद शिक्षकों ने यह बात स्वीकारी कि सीधा संवाद न होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

केस 1

डीएवी इंटर कॉलेज के 11वीं कक्षा के विज्ञान वर्ग के एक छात्र ने बताया कि स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई तो लगातार हो रही है, लेकिन शिक्षकों से सीधा संवाद नहीं हो पाता। छात्र का कहना था कि विज्ञान वर्ग में कई बार ऐसे टॉपिक आ जाते हैं, जिनमें शिक्षकों से सवाल जवाब जरूरी हो जाते हैं। पर ऑनलाइन कक्षा में यह कई दफा संभव नहीं हो पाता। इससे पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है।

केस 2

गांधी इंटर कॉलेज के 12वीं कक्षा के कला वर्ग के एक छात्र ने बताया कि स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई तो हो रही है,  लेकिन सामान्य दिनों में कक्षाओं में जैसे पढ़ाई होती है उसके हिसाब से कई टॉपिक को समझना मुश्किल हो जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षकों से सीधे सवाल न पूछा जाना है। ऑनलाइन पढ़ाई में कभी तकनीकी खामी तो कभी दूसरे कारणों से शिक्षकों से सवाल पूछे ही नहीं जाते।

क्या बोले शिक्षक

गांधी इंटर कॉलेज के प्राचार्य एके कौशिक ने बताया कि प्रधानाचार्य स्कूल के शिक्षक शिक्षा विभाग से आदेश मिलने के पहले से ही ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं।  अपनी ओर से कोई कमी ना रहे इसके लिए भी शिक्षक पूरे प्रयास कर रहे हैं। पर कई दफा तकनीकी कारणों के चलते छात्र और शिक्षकों के बीच सीधा संवाद नहीं हो पाता। यह बात गलत नहीं कि शिक्षकों और छात्रों में सीधा संवाद ना होने के कारण पढ़ाई की गुणवत्ता गिर रही है।

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जीजीआइसी राजपुर रोड के प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने कहा, सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं और खुद स्कूलों के पास जो तकनीकी और संसाधन वर्तमान में उपलब्ध हैं उनके हिसाब से ऑनलाइन पढ़ाई एक वैकल्पिक व्यवस्था मात्र है। ऑनलाइन पढ़ाई असल पढ़ाई का विकल्प नहीं हो सकता। पढ़ाई की गुणवत्ता बनी रहे इसके लिए छात्र और शिक्षकों के बीच सीधा संवाद होना बेहद जरूरी है।

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