कश्मीरी छात्र ने शहीद जवानों को लेकर सोशल मीडिया पर की टिप्पणी, बवाल

शहीद जवानों पर की गर्इ एक कश्मीरी छात्र के पोस्ट से बवाल मच गया। छात्रों और लोगों ने इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 07:50 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 09:03 AM (IST)
कश्मीरी छात्र ने शहीद जवानों को लेकर सोशल मीडिया पर की टिप्पणी, बवाल
कश्मीरी छात्र ने शहीद जवानों को लेकर सोशल मीडिया पर की टिप्पणी, बवाल

देहरादून, जेएनएन। देहरादून: गम और गुस्से के बीच देहरादून में एक कश्मीरी छात्र की सोशल मीडिया पर वायरल टिप्पणी से शुक्रवार को आक्रोश भड़क गया। आरोपित छात्र सुभारती विश्वविद्यालय में पैरा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। टिप्पणी से गुस्साए छात्र नारेबाजी करते हुए बड़ी संख्या में उन कॉलेज के सामने पहुंच गए, जहां कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं। आननफानन पुलिस वहां पहुंची और हल्का बल प्रयोग कर तोडफ़ोड़ और हंगामा कर रहे छात्रों को काबू किया। फिलहाल कॉलेज के आसपास पुलिस बल तैनात है।

देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। वह गुरुवार शाम से ही फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। इधर, कॉलेज प्रशासन ने भी छात्र का निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सोशल मीडिया पर देश विरोधी टिप्पणी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं। जांच के बाद आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस के अनुसार गुरुवार की शाम पुलवामा में हुई घटना पर कश्मीर के रहने वाले छात्र कैशर राशिद ने फेसबुक पर मैसेज पोस्ट की कि 'आइ एम हैप्पी टूडे आज तो चिकन डिनर हो गया'। पुलिस के अनुसार उसकी फ्रेंड लिस्ट में शामिल एक छात्रा ने उसकी पोस्ट पर आपत्ति जताई तो वह उसे धमकी देने लगा, लेकिन इस दौरान जब एक बाद एक कमेंट आने लगे तो कैशर ने माफी मांगते हुए पोस्ट डाल दी। बावजूद इसके कैशर की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होती रही।

स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब शुक्रवार सुबह कॉलेज के बाहर अन्य कॉलेज के छात्र भी नारेबाजी करते हुए एकत्रित हो गए। इस बीच भीड़ बीएफआइटी व अल्पाइन इंस्टीट्यूट में घुसने का प्रयास करने लगी। इन कॉलेज में भी कश्मीर के कई छात्र पढ़ रहे हैं। भीड़ पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकी समर्थकों शर्म करो के नारे लगा रही थी। भीड़ ने कॉलेज में तोडफ़ोड़ भी की। सूचना मिलते ही  एसडीएम प्रत्यूष सिंह समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और भीड़ को नियंत्रित किया। शाम को रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल ने छात्र के खिलाफ तहरीर दी है। 

एक कश्मीरी छात्र को पीटा

इस दौरान चर्चा है कि भीड़ ने एक कश्मीरी छात्र की पिटाई कर दी, लेकिन पुलिस ऐसी किसी घटना से इन्कार कर रही है। 

गायब हुआ आरोपित 

सोशल मीडिया पर देशविरोधी टिप्पणी करने के बाद जब उस पर लोगों के नाराजगी भरे कमेंट आने लगे तो कैशर राशिद भूमिगत हो गया। एसओ प्रेमनगर नरेंद्र गहलावत ने बताया कि छात्र को गुरुवार शाम से ही नहीं देखा गया है। वह हॉस्टल के जिस कमरे में रहता था, वहां ताला लगा हुआ है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

देवभूमि कॉलेज से भी एक छात्र निलंबित

कैशर की पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले देवभूमि इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में बीबीए-एचएम तृतीय वर्ष के छात्र सईद मोहम्मद कासिम को भी निलंबित कर दिया गया है। सईद भी कश्मीर का रहने वाला है। आरोप है कि कश्मीर से सईद के बड़े भाई ने कैशर की पोस्ट पर टिप्पणी की थी। वह भी पिछले साल दून से पढ़ाई कर कश्मीर लौट गया था। कॉलेज प्रशासन ने उसे भी नोटिस जारी किया है।

तीन हजार है कश्मीरी छात्रों की संख्या

देहरादून के विभिन्न कॉलेजों में तकरीबन तीन हजार कश्मीरी मूल के छात्र पढ रहे हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है, जबकि कश्मीरी छात्रों की हरकतों के चलते शांति व कानून व्यवस्था खतरे में पड़ी है। साल भर पहले डोईवाला क्षेत्र के एक संस्थान में पाकिस्तान समर्थित नारेबाजी की घटना के बाद आक्रोश फैल गया था, जिस पर पुलिस ने बड़ी मुश्किल से काबू पाया था।

सत्यापन में होती है खानापूर्ति

हर साल बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्र दून में दाखिला लेते हैं। लेकिन इनके सत्यापन की केवल औपचारिकता ही पूर्ण होती है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अक्सर जम्मू-कश्मीर से छात्रों की सत्यापन रिपोर्ट में आने में महीनों या साल लग जाते हैं। वहीं प्राइवेट कॉलेज भी इन छात्रों का इतिहास जाने बगैर की दलालों की बात मानकर दाखिल दे देते हैं।

अब नहीं देंगे कश्मीरियों को दाखिला

बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर कहा कि वह अब अपने यहां कश्मीरी छात्रों को दाखिला नहीं देगा। हालांकि यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को नहीं परेशान किया जाएगा

पुलवामा हमले पर अल्मोड़ा व भीमताल में विवादित टिप्पणी

पुलवामा हमले के बाद जहां शुक्रवार कुमाऊं भर में आतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन और पुतले फूके जा रहे थे। वहीं अल्मोड़ा व भीमताल में भारत के खिलाफ विवादित टिप्पणी से हंगामा खड़ा हो गया। अल्मोड़ा में फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले किशोर को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं भीमताल में सब्जी विक्रेता का शांति भंग में चालान किया गया। 

शुक्रवार की शाम अल्मोड़ा पुलिस को फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट होने की खबर मिली। सर्विलांस से डिटेल निकाल पुलिस नगर के एक मोहल्ले से किशोर और उसके परिजनों को उसके घर से उठा थाने ले आई। वहीं हिंदूवादी संगठनों ने थाने में एकत्र होकर कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।  

विवादित बयान के बाद नाबालिग को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके पिता ने कहा कि बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि आरोपित किशोर का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। पूछताछ जारी है। सोशल अकाउंट से पोस्ट भी हटा दी गई है। 

वहीं भीमताल नगर के गोरखपुर चौराहे पर सब्जी विक्रेता मोहम्मद खुशनोद निवासी बिजनौर ने पुतला दहन करने को एकत्र हुए कांग्रेसियों के पीछे खड़े होकर भारत के खिलाफ टिप्पणी कर दी। 

इस पर स्थानीय युवक और व्यापारी थाने में एकत्र हो गए सब्जी विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ गए। पुलिस आरोपित को दुकान से थाने ले आई। थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक ने उसे कड़ी हिदायत देते हुए शांति भंग में निरुद्ध किया। 

पुलवामा घटना के बाद प्रदेशभर में पुलिस का अलर्ट

पुलवामा घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि कानून को हाथ में न लें। देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त लोगों की सूचना पुलिस को दें। पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी। 

राजधानी दून समेत अन्य जनपदों में आंतकी गतिविधियों को लेकर उड़ी अफवाहों और सोशल मीडिया पर जारी संदेशों के बाद पुलिस अलर्ट हो गई। पुलिस ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल आदि संवेदनशील जनपदों की सुरक्षा बढ़ा दी है। 

डीजी अशोक कुमार ने सभी एसएसपी, एसपी को निर्देश दिए कि संवेदनशील स्थानों पर गश्त, पिकेट और चेकिंग कड़ी की जाए। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश जायज है, पुलिस को भी इसका दुख है। लेकिन किसी को भी कानून हाथ में न लेने दें। उन्होंने खुफिया एजेंसी, थाना और चौकी पुलिस को पब्लिक प्लेस, समुदाय विशेष और अन्य स्थानों पर नजर रखने को कहा। सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेश को भी गंभीरता से लेने को कहा। किसी भी तरह की सूचना को हल्के में न लें। 

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